इस्लामाबाद:पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर हुए मतदान में हार का सामना (imran khan loses trust vote) करना पड़ा. संसद में विश्वास मत खोने के साथ ही इमरान खान की सरकार गिर गई. बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच देर रात को शुरू हुए मतदान के नतीजे में संयुक्त विपक्ष को 342-सदस्यीय नेशनल असेंबली में 174 सदस्यों का समर्थन मिला, जो प्रधानमंत्री को अपदस्थ करने के लिए आवश्यक बहुमत 172 से अधिक रहा. मतदान के समय 69 वर्षीय खान निचले सदन में उपस्थित नहीं थे और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सांसदों ने भी बर्हिगमन किया. इमरान खान अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटाए जाने वाले पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं.
पीटीआई के सांसद फैसल जावेद ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले ही इमरान खान ने प्रधानमंत्री का आधिकारिक आवास छोड़ दिया. फैसल ने ट्वीट किया, 'अभी-अभी प्रधानमंत्री इमरान खान प्रधानमंत्री आवास से विदा हुए. वह शालीनता से विदा हुए और झुके नहीं.' गौरतलब है कि किसी भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है. इमरान खान ने नेशनल असेंबली को भंग करने के विवादित फैसले को उच्चतम न्यायालय द्वारा निरस्त किए जाने को लेकर शुक्रवार को निराशा व्यक्त की थी और कहा था कि वह देश में किसी भी 'आयातित सरकार' को स्वीकार नहीं करेंगे.
इससे पहले, मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली पांच-सदस्यीय पीठ ने खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने का नेशनल असेंबली उपाध्यक्ष का फैसला गुरुवार को सर्वसम्मति से रद्द कर दिया था. शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही नेशनल असेंबली को बहाल करने का आदेश दिया था. शीर्ष अदालत ने कहा था कि नेशनल असेंबली भंग करने और समय से पहले चुनाव कराने की सिफारिश का प्रधानमंत्री का कदम 'असंवैधानिक' था. अदालत ने निचले सदन के अध्यक्ष को भी अविश्वास प्रस्ताव पर मतविभाजन के लिए नौ अप्रैल को सुबह 10 बजे (स्थानीय समयानुसार) नेशनल असेंबली का सत्र बुलाने का आदेश दिया था. इसने अविश्वास प्रस्ताव पारित होने पर नये प्रधानमंत्री का चुनाव कराने का आदेश दिया था.