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पाकिस्तान : सुप्रीम कोर्ट ने अविश्वास प्रस्ताव पर सुनवाई बृहस्पतिवार तक के लिए टाली - former cricketer imran khan

पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने कथित 'विदेशी साजिश' के बारे में और सरकार से राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के 'मिनट्स' (विवरण) मांगे और पीएम इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष द्वारा दिए गए विवादास्पद फैसले को लेकर हो रही अहम सुनवाई बृहस्पतिवार तक टाल दी.

इमरान
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Published : Apr 6, 2022, 9:15 AM IST

Updated : Apr 6, 2022, 10:16 PM IST

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कथित 'विदेशी साजिश' के बारे में और जानकारी के लिये सरकार से राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के 'मिनट्स' (विवरण) मांगे और प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष द्वारा विवादास्पद फैसले के जरिये खारिज करने को लेकर हो रही अहम सुनवाई बृहस्पतिवार तक टाल दी. नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम खान सूरी ने अविश्वास प्रस्ताव के सरकार को गिराने की तथाकथित विदेशी साजिश से जुड़े होने का हवाला देते हुए रविवार को उसे खारिज कर दिया था. कुछ मिनट बाद, राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री खान की सलाह पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था.

शीर्ष अदालत ने कुछ ही घंटों में इस घटनाक्रम पर स्वत: संज्ञान लिया और पांच सदस्यीय पीठ ने सोमवार को मामले की सुनवाई शुरू कर दी. पीठ की अध्यक्षता प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल कर रहे हैं और इसमें न्यायमूर्ति इजाजुल अहसन, न्यायमूर्ति मोहम्मद अली मजहर, न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर और न्यायमूर्ति जमाल खान मंडोखाइल शामिल हैं. सुनवाई के तीसरे दिन बुधवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी की तरफ से बाबर अवान पेश हुए जबकि राष्ट्रपति अल्वी का प्रतिनिधित्व अली जफर ने किया.

मुख्य न्यायाधीश बंदियाल ने अवान से राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की हालिया बैठक के ‘मिनट्स’ के बारे में पूछा, जिसमें कथित तौर पर पीटीआई के नेतृत्व वाली सरकार को हटाने के लिए एक कथित 'विदेशी साजिश' के सबूत दिखाने वाले एक पत्र पर चर्चा की गई थी. डान अखबार की खबर के मुताबिक सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति बंदियाल ने पूछा कि किस आधार पर डिप्टी स्पीकर ने फैसला सुनाया. उन्होंने कहा, 'क्या स्पीकर तथ्यों को पेश किए बिना इस तरह के फैसले की घोषणा कर सकते हैं.' उन्होंने कहा कि यह संवैधानिक बिंदु था जिस पर अदालत को फैसला करना था.

उन्होंने अवान से अदालत को सूचित करने के लिए भी कहा कि क्या अध्यक्ष अनुच्छेद 95 को दरकिनार कर एक निर्णय जारी कर सकते हैं जो दिन के एजेंडे में नहीं था. उन्होंने पीटीआई के वकील को 'ठोस' सबूतों के साथ फैसले का बचाव करने के लिए कहा. उन्होंने अवान से पूछा, 'राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के मिनट्स कहां हैं?' उन्होंने कहा, 'हम देखना चाहते हैं कि क्या साजिश थी जिसका इस्तेमाल प्रस्ताव को खारिज करने के लिए किया गया था.' उन्होंने कहा कि अदालत इस बात की भी जांच करेगी कि क्या स्पीकर को सदन के एजेंडे से हटने और कुछ अन्य 'तथ्यों' पर भरोसा करने का अधिकार है.

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न्यायमूर्ति बंदियाल ने पूछा, 'क्या ऐसी सामग्री मौजूद थी...एनएससी की बैठक कब हुई थी?' न्यायमूर्ति बंदियाल ने कहा कि अवान को अदालत को यह बताने की भी जरूरत है कि क्या संवैधानिक प्रक्रिया को दरकिनार किया जा सकता है. अवान के बाद, जफर ने अपनी दलीलें शुरू कीं और जोर देकर कहा कि डिप्टी स्पीकर के फैसले के मामले में अदालत का कोई भी निर्देश उसके अधिकार क्षेत्र से अधिक होगा. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के वकील रजा रब्बानी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के वकील मखदूम अली खान पहले ही बहस पूरी कर चुके हैं.

हालांकि, डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी के वकील नईम बोखारी और सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान उन वकीलों में शामिल हैं, जिन्होंने अभी तक मामले पर अपने विचार प्रस्तुत नहीं किए हैं. बुधवार को सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने वकीलों को बार-बार याद दिलाया कि पीठ के आदेश जारी करने के लिए जल्द से जल्द अपनी दलीलें पूरी करें. हालांकि, प्रक्रिया क्योंकि पूरी नहीं हुई थी, इसलिए अदालत ने सुबह 9:30 बजे (स्थानीय समयानुसार) सुनवाई फिर से शुरू करने की घोषणा करते हुए मामले को बृहस्पतिवार तक के लिए स्थगित कर दिया। तर्कों के समापन पर एक संक्षिप्त आदेश जारी किया जा सकता है.

इससे पहले सुनवाई के दौरान विपक्षी वकीलों ने अदालत से मामले को जल्द से जल्द निपटाने के लिए आदेश जारी करने को कहा. पीठ ने सरकार और विपक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों को सुनने के बाद फैसला सुनाने का आश्वासन दिया. परिणाम न केवल अविश्वास प्रस्ताव के भाग्य का फैसला करेगा बल्कि नेशनल असेंबली को भंग किये जाने और आगामी चुनावों का भी फैसला करेगा. विशेषज्ञों ने कहा कि फैसला अगर खान के अनुकूल होता है तो 90 दिनों के भीतर चुनाव होंगे, और अगर अदालत उपाध्यक्ष के खिलाफ फैसला सुनाती है तो संसद का सत्र फिर से बुलाया जाएगा और खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आएगा.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Apr 6, 2022, 10:16 PM IST

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