नई दिल्ली : पाकिस्तान की शीर्ष सुरक्षा एजेंसी के प्रमुख ने इस सवाल का जवाब देने से परहेज किया कि क्या अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद भारत को सौंपे जाएंगे ? पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के महानिदेशक मोहसिन बट जो इस्लामाबाद के दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में 90वीं इंटरपोल महासभा में भाग लेने के लिए यहां आए हैं.
एक वीडियो में देखा जा रहा है कि दोनों वांछित आतंकवादियों को भारत को सौंपने के मीडियाकर्मियों के सवाल पर वह चुप्पी साधे हुए हैं और अपने होठों पर उंगली रखे हुए हैं. महासभा इंटरपोल की सर्वोच्च शासी निकाय है, जो अपने कामकाज से संबंधित महत्वपूर्ण फैसले लेने के लिए सालाना बैठक करती है. भारत में इसका आयोजन 25 साल बाद हो रहा है और इससे पहले मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन किया था. चार दिवसीय आयोजन में 195 इंटरपोल सदस्य देशों के प्रतिनिधियों की भागीदारी देखी जा रही है, जिसमें सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के प्रमुख और पुलिस प्रमुख भाग ले रहे हैं.
पाकिस्तान के दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे अधिकारी मोहसिन बट ने 'डाइनिंग हॉल' में रहना पसंद किया, जहां दोपहर के भोजन का आयोजन किया गया था. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन की घोषणा से ठीक पहले कार्यक्रम स्थल में प्रवेश किया. प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन समाप्त होने के बाद बट पत्रकारों से घिर गए, जो उनसे 1993 के मुंबई विस्फोट के मुख्य षड्यंत्रकर्ता एवं संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित किये गए दाऊद इब्राहिम के ठिकाने के बारे में जानना चाहते थे. पत्रकारों ने बट से यह भी पूछा कि दाऊद, जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर और मुंबई आतंकवादी हमले के मुख्य षड्यंत्रकर्ता हाफिज सईद जैसे अन्य आतंकवादियों को कब सौंपा जाएगा जो भारत में वांछित हैं.
जब मीडियाकर्मियों ने पाकिस्तानी अधिकारी से सवाल पूछे तो बट चुप रहे और वहां से चले गए. उन्हें इस साल जुलाई में संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) का महानिदेशक नियुक्त किया गया था, जो इंटरपोल के साथ समन्वय करने के लिए पाकिस्तान का राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो भी है.
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