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यूएन में भारत ने कहा, चौंकाने वाली बात है कि पाकिस्तान अल्पसंख्यकों के अधिकारों के बारे में बात कर रहा - संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक

यूएनईएस (संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक) के भारत के संयुक्त सचिव, श्रीनिवास गोटरू ने बुधवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की अल्पसंख्यकों और कश्मीर मुद्दे पर की गई टिप्पणी की निंदा की और जमकर लताड़ लगाई.

संयुक्त राष्ट्र में भारत ने कहा
संयुक्त राष्ट्र में भारत ने कहा

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Published : Sep 22, 2022, 9:30 AM IST

Updated : Sep 22, 2022, 9:48 AM IST

संयुक्त राष्ट्र: यूएनईएस (संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक) के भारत के संयुक्त सचिव, श्रीनिवास गोटरू ने बुधवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की अल्पसंख्यकों और कश्मीर मुद्दे पर की गई टिप्पणी की निंदा की और जमकर लताड़ लगाई. गोटारू ने कहा कि यह विडंबना है कि इस्लामाबाद जिसने खुद अल्पसंख्यकों के अधिकारों का गंभीर उल्लंघन किया है. वह अल्पसंख्यकों के अधिकारों के बारे में बात कर रहा है. पाकिस्तान के इस मामले में आंकड़े इतने शर्मसार है कि उसने उन्हें किसी भी जगह छापना तक छोड़ दिया है.

शर्मनाक है पाकिस्तान का बयान:अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र की उच्च-स्तरीय बैठक में बोलते हुए, एक भारतीय राजनयिक ने कहा कि यह विडंबना है कि पाकिस्तान अल्पसंख्यकों के अधिकारों के बारे में बोल रहा है. एक ऐसे देश, जिसने अपने उसी शर्मनाक रिकॉर्ड को छिपाने के लिए अपना डेटा प्रकाशित करना बंद कर दिया है. यह आश्चर्यजनक है कि उन्होंने इस विषय को उठाया है जिनका अल्पसंख्यक अधिकारों का गंभीर उल्लंघन करने का एक लंबा इतिहास रहा है जिसे दुनिया ने भी देखा है.

गोटरू ने कहा कि पाकिस्तान लगातार सिखों, हिंदुओं, ईसाइयों और अहमदियों के अधिकारों का घोर उल्लंघन कर रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान में, हजारों महिलाओं और बच्चों, विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदायों की लड़कियों को अपहरण, जबरन विवाह और अभिसरण के अधीन किया गया है. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के पूरे केंद्र शासित प्रदेश भारत का एक अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा थे, भले ही पाकिस्तान के प्रतिनिधि क्या मानते हैं या लालच करते हैं.

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हम पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को रोकने के लिए कहते हैं ताकि हमारे नागरिक अपने जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार का प्रयोग कर सकें, हमें उम्मीद है कि वे इस तरह की बैठकों का दुरुपयोग और राजनीतिकरण करने के प्रयासों से दूर रहेंगे. इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने झूठे दावे किए कि भारत एक हिंदू वर्चस्ववादी राज्य में बदल रहा है और कश्मीर का मुद्दा उठाया.

इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट्स एंड सिक्योरिटी (आईएफएफआरएएस) के अनुसार, पाकिस्तान तेजी से रूढ़िवादी इस्लामी दिशा में आगे बढ़ रहा है, और हिंदुओं, ईसाइयों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से महिलाओं की स्थिति खराब हो गई है. पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई समूहों की स्थिति सामान्य रूप से खराब है, लेकिन इन समुदायों की महिलाएं अधिकारियों, राजनीतिक समूहों, धार्मिक दलों, सामंती ढांचे और मुस्लिम बहुसंख्यक के भेदभावपूर्ण रवैये की सबसे बुरी शिकार हैं.

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पूरी दुनिया ने देखा है पाकिस्तान का रवैया: आईएफएफआरएएस की रिपोर्ट के अनुसार, धार्मिक अल्पसंख्यक महिलाओं और लड़कियों का अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन, विवाह और दुर्व्यवहार किया जाता है और उनके परिवार कानूनी तरीकों का उपयोग करके इन अपराधों को चुनौती देने के अपने प्रयासों में असफल होते हैं. जबकि अपहरण, जबरन धर्मांतरण, जबरन विवाह, धार्मिक अल्पसंख्यक महिलाओं और लड़कियों के भाग्य को अक्सर सील कर दिया जाता है क्योंकि मौजूदा कानून या कानूनी सहारा के माध्यम से ऐसे मामलों को संभालना अनुपलब्ध या अप्रभावी है.

मानवाधिकार समूहों ने वर्षों से पाकिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों की दुर्दशा का दस्तावेजीकरण किया है, लेकिन यह हाल ही में है कि ये अल्पसंख्यक अपने इलाज के बारे में सोशल मीडिया पर खुलासे के कारण लोकप्रिय प्रवचन का केंद्र बन गए हैं, आईएफएफआरएएस की सूचना दी.

Last Updated : Sep 22, 2022, 9:48 AM IST

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