नई दिल्ली/इस्लामाबाद : भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान से उसकी हिरासत में रखे गए 536 भारतीय मछुआरों और तीन अन्य कैदियों को रिहा करने को कहा है जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है और उनकी नागरिकता की पुष्टि हो गई है. दूसरी तरफ पाकिस्तान ने अपने यहां जेलों में 682 भारतीय कैदियों के निरुद्ध होने की पुष्टि की.
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, पाकिस्तान से उनके 105 मछुआरों और 20 अन्य कैदियों को तत्काल राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने को कहा है जो पाकिस्तान की हिरासत में हैं और समझा जाता है कि वे भारतीय हैं. भारत ने यह आग्रह दोनों देशों के बीच मछुआरों एवं अन्य आम कैदियों की सूची के आदान-प्रदान के परिप्रेक्ष्य में किया. भारत और पाकिस्तान के बीच साल 2008 के समझौते के प्रावधानों के तहत हर साल एक जनवरी और एक जुलाई को ऐसी सूचियों का आदान-प्रदान किया जाता है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने 309 पाकिस्तानी नागरिकों एवं वहां के 95 मछुआरों की सूची सौंपी जो भारत की हिरासत में हैं. इसी प्रकार से, पाकिस्तान ने 49 नागरिकों एवं 633 मछुआरों की सूची सौंपी जो उसकी हिरासत में हैं और जो भारतीय हैं या जिनके बारे में समझा जाता है कि वे भारतीय हैं. विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, 'सरकार ने अपने नागरिकों सहित भारतीय रक्षा कर्मियों, मछुआरों को जल्द रिहा करने एवं वापस भेजने के लिये पाकिस्तान से कहा है जो उसकी हिरासत में हैं .इसके अलावा नौकाओं को भी लौटाने को कहा गया है.'
बयान के अनुसार, इस संदर्भ में पाकिस्तान से उसकी हिरासत में मौजूद उन 536 भारतीय मछुआरों और तीन अन्य कैदियों को रिहा करने को कहा गया है जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है और उनकी नागरिकता की पुष्टि हो गई है तथा इसके बारे में उसे सूचित कर दिया गया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत दोनों देश के कैदियों एवं मछुआरों सहित सभी मानवीय मामलों को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाने को प्रतिबद्ध है.