नई दिल्ली : यह कोई संयोग नहीं है कि जब पाकिस्तान के सेना प्रमुख और प्रधानमंत्री एक ही रास्ते पर रहे हों, बल्कि यह सोची समझी रणनीति है. इस्लामाबाद सेक्यूरेटी डायलॉग में पाक पीएम इमरान खान के कथनों पर अमल करते हुए गुरुवार को जनरल बाजवा ने कहा कि हमारे पड़ोसी को विशेष रूप से कश्मीर में एक अनुकूल वातावरण बनाना होगा. उन्होंने कहा कि भारत के साथ सबसे अहम मुद्दा कश्मीर का है. यह समझना महत्वपूर्ण है कि शांतिपूर्ण तरीकों के माध्यम से कश्मीर विवाद के समाधान के बिना इस क्षेत्र में शांति की कोई भी पहल सफल नहीं हो सकती है.
जनरल बाजवा के बयान से एक दिन पहले प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसी स्थान पर यही बयान दिया था. इमरान ने बुधवार को कहा था कि उनके मुल्क के साथ शांति रखने पर भारत को आर्थिक लाभ मिलेगा. पीएम खान ने नीति निर्माताओं के साथ 100 से अधिक थिंक-टैंक और विश्वविद्यालय विभागों को जोड़ने वाले देश के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभाग (एनएसडी) सलाहकार पोर्टल को लॉन्च किया था जहां उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार कश्मीरियों के लिए अधिकार मांगे थे.
उन्होंने कहा था कि इससे भारत को पाकिस्तानी भू-भाग के रास्ते संसाधन बहुल मध्य एशिया में सीधे पहुंचने में मदद मिलेगी.
पाकिस्तान सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह भारत और पाकिस्तान के लिए अतीत को भूलने और आगे बढ़ने समय है. उन्होंने कहा कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच शांति से दक्षिण और मध्य एशिया में विकास की संभावनाओं को खोलने में मदद मिलेगी.
दूसरे शब्दों में, जनरल बाजवा ने दोनों राष्ट्रों के बीच विवाद में कश्मीर मुद्दे की केंद्रीयता को भी रेखांकित किया कि यदि भारत अफगानिस्तान और मध्य एशिया में भूमिका चाहता है, तो उसका पाकिस्तान के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध होना चाहिए.
पाकिस्तानी पीएम ने बुधवार को कहा था कि भारत को बातचीत के लिए पहला कदम उठाना होगा. जब तक वह ऐसा नहीं करेंगे, हम ज्यादा कुछ नहीं कर सकते हैं और अगले ही दिन जनरल बाजवा ने यहां इस्लामाबाद सुरक्षा वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि विवादों के कारण क्षेत्रीय शांति और विकास की संभावना अनसुलझे मुद्दों के कारण हमेशा बंधक रही है.