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'संस्कार भारती' के संस्थापक पद्मश्री 'बाबा योगेंद्र' का 98 वर्ष की उम्र में निधन, सीएम योगी ने दी श्रद्धांजलि

'संस्कार भारती' के संस्थापक पद्मश्री बाबा योगेंद्र का निधन हो गया. बाबा के निधन पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है.

पद्मश्री बाबा योगेंद्र
पद्मश्री बाबा योगेंद्र

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Published : Jun 10, 2022, 11:34 AM IST

Updated : Jun 10, 2022, 12:35 PM IST

लखनऊ:'संस्कार भारती' के संस्थापक पद्म श्री बाबा योगेंद्र जी का 98 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. बाबा के निधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है. बाबा योगेंद्र का जन्म 7 जनवरी, 1924 को उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में हुआ था. बचपन में गांव में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में जाने लगे.

सीएम योगी ने जताया दुख
आरएसएस (RSS) के वरिष्ठ प्रचारक पद्मश्री बाबा योगेंद्र के निधन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया है. बाबा योगेंद्र ने संस्कार भारती संस्था के माध्यम से कला साधकों को एक मंच पर लाने का प्रयास किया. बस्ती में जन्मे बाबा योगेंद्र का मुख्यालय माधव भवन, आगरा है. माधव भवन में ही आरएसएस का बृज प्रांत कार्यालय है. बाबा योगेंद्र ऐसे कलाकार थे, जिन्होंने हजारों कलासाधकों को एक माला में पिरोने का कठिन काम कर दिखाया. सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर लिखा कि 'संस्कार भारती' के संस्थापक, असंख्य कला साधकों के प्रेरणास्रोत, कला ऋषि, 'पद्म श्री' बाबा योगेंद्र जी का निधन अत्यंत दुःखद है. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व उनके असंख्य प्रशंसकों को यह दुःख सहने की शक्ति दें। ॐ शांति!

सीएम योगी ट्वीट.

बस्ती में जन्मे थे बाबा योगेंद्र:बाबा योगेंद्र का जन्म 7 जनवरी, 1924 को उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में हुआ था. बचपन में गांव में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में जाने लगे. इसके बाद गोरखपुर में पढ़ाई के दौरान उनका संपर्क संघ के प्रचारक नानाजी देशमुख से हुआ. संघ का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद वह प्रचारक बने. बाबा जोगेंद्र गोरखपुर, प्रयाग, बरेली, बदायूं और सीतापुर में प्रचारक रहे. शीर्ष नेतृत्व ने उनकी प्रतिभा देखकर 57 वर्ष की आयु में 1981 में ‘संस्कार भारती’ नामक संगठन के निर्माण कार्य का कार्यभार उन्हें सौंपा.

नानाजी देशमुख का प्रभाव
पहली बार नाना राव देशमुख से प्रभावित होकर पद्मश्री बाबा योगेंद्र राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे. बचपन से ही वे संघ की शाखाओं में जाने लगे थे. बस्ती में जन्मे बाबा योगेंद्र ने पूरे उत्तर प्रदेश में संस्कार भारती के प्रभाव को फैलाया और यहां से देशभर में या संगठन युवाओं के बीच प्रख्यात होता गया और लाखों युवा इससे जुड़े.

देश के समर्पित लगाईं प्रदर्शनी
योगेंद्र ने 1942 में लखनऊ में प्रथम वर्ष ‘संघ शिक्षा वर्ग’ का प्रशिक्षण लिया. 1945 में वे प्रचारक बने और गोरखपुर, प्रयाग, बरेली, बदायूं, सीतापुर आदि स्थानों पर संघ कार्य किया. उनके मन में एक सुप्त कलाकार सदा मचलता रहता था. देश-विभाजन के समय उन्होंने एक प्रदर्शनी बनाई. जिसने भी इसे देखा. वह अपनी आंखें पोंछने को मजबूर हो गया, फिर तो ऐसी प्रदर्शिनियों का सिलसिला चल पड़ा. शिवाजी, धर्म गंगा, जनता की पुकार, जलता कश्मीर, संकट में गोमाता, 1857 के स्वाधीनता संग्राम की अमर गाथा, विदेशी षड्यन्त्र, मां की पुकार...आदि ने संवेदनशील मनों को झकझोर दिया. 'भारत की विश्व को देन' नामक प्रदर्शनी को विदेशों में भी प्रशंसा मिली.

नए कलाकारों को मंच दिया
संघ नेतृत्व ने योगेंद्र की इस प्रतिभा को देखकर 1981 ई. में 'संस्कार भारती' नामक संगठन का निर्माण कर उसका कार्यभार उन्हें सौंप दिया. उनके अथक परिश्रम से 41 वर्षों में संस्कार भारती आज कला क्षेत्र की अग्रणी संस्था बन चुकी है. बाबा योगेन्द्र को पद्मश्री से पुरस्कृत किया गया था. बाबा योगेन्द्र जी के बारे में लोगों के मुख से तमाम बातें सुनने को आती रही हैं. इसमें एक बार उनके संघ शिक्षा वर्ग में प्रदर्शनी बनाने और उसके चर्चित होने के बाद प्रदर्शनियों का सिलसिला चल पड़ने की बात की जाती रही है. शिवाजी, धर्म गंगा, जनता की पुकार, जलता कश्मीर, संकट में गोमाता, 1857 के स्वाधीनता संग्राम की अमर गाथा, विदेशी षड्यन्त्र, मां की पुकार आदि ने संवेदनशील मन को झकझोर दिया. 'भारत की विश्व को देन' नामक प्रदर्शनी को विदेशों में भी प्रशंसा मिली.

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Last Updated : Jun 10, 2022, 12:35 PM IST

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