तिरुवनंतपुरम:केरल स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर (padmanabhaswamy temple) में शुक्रवार को अनोखा नजारा दिखा. डूबता सूरज मंदिर 'गोपुरम' (टॉवर) की सभी पांच खिड़कियों से होकर गुजरता दिखाई दिया. दरअसल ये नजारा साल में सिर्फ दो बार दिखता है. ऐसा दृश्य विषुव के दिन (जब दिन और रात की अवधि समान होती है) दिखाई देता है, इसलिए इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में भक्त उमड़ते हैं. इसके पीछे एक वजह इस मंदिर की निर्माण शैली है जो कि वैज्ञानिक गणना और ज्यामितीय स्थिति का अनूठा नमूना है.
ऐसा दिखता है नजारा : पहले सूर्य मंदिर की पहली (सबसे ऊपर) की खिड़की में नजर आता है. फिर यह दूसरी खिड़की और फिर तीसरी तक नीचे आता है. सूर्यास्त के तीसरे खिड़की में प्रवेश करने पर दृश्य बिल्कुल जादुई हो जाता है. सूर्य आकाश में गायब होने से पहले चौथी और पांचवीं खिड़की में नजर आता है. इस अद्भुत नजारे को देखने का रोमांच ही कुछ और है.
ये है वैज्ञानिक कारण : विषुव के दिन, सूर्योदय और सूर्यास्त भूमध्य रेखा के उत्तर या दक्षिण के बजाय पृथ्वी के भूमध्य रेखा के ठीक ऊपर होते हैं. मंदिर की मीनार का निर्माण सूर्य की इस भूमध्यरेखीय गति के बिल्कुल अनुरूप है ताकि अस्त होते समय सूर्य मंदिर की सभी मीनारों की खिड़कियों से होकर गुजरे. नियमित दिनों में, सूर्यास्त या तो दक्षिण या टॉवर के उत्तर में होता है.