एर्नाकुलम (केरल): एडापल्ली की पद्मा लक्ष्मी (Padma Lakshmi) ने केरल में पहली ट्रांसजेंडर वकील बनकर इतिहास रच दिया है. पद्मा लक्ष्मी ने बार काउंसिल ऑफ केरल (Bar Council of Kerala) में रविवार 19 मार्च को नामांकन कराया है. पद्मा लक्ष्मी के जीवन का यह सफर काफी चुनौतियों भरा रहा है. पद्मा लक्ष्मी ने कहा कि उन्हें अपने जीवन में कई बार उपेक्षा का सामना किया, तो मुझे एहसास हुआ कि मुझे इसका सामना करने के लिए एक ताकत की जरूरत है. पद्मा कहती हैं कि उन्होंने वकील बनने का फैसला तब किया, जब उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें एक ऐसी नौकरी की जरूरत है जो उन्हें ताकत दे.
उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका लक्ष्य ट्रांसजेंडर समुदाय की आवाज बनना है, जो न्याय से वंचित हैं. यह मेरे माता-पिता ही थे जिन्होंने मुझे साहस के साथ आगे बढ़ने का विश्वास दिया. इसके साथ ही कानूनी समुदाय भी अब बहुत सहयोग प्रदान कर रहा है. वकील बनना बचपन से ही मेरा सपना रहा है. अधिवक्ता पद्मा का लक्ष्य एक अच्छे वकील के रूप में प्रदर्शन करना और भविष्य में न्यायिक सेवा में प्रवेश कर कानून की राह में नए मानक स्थापित करना है.
पद्मा लक्ष्मी रविवार (19 मार्च) को अधिवक्ताओं के रूप में नामांकन करने वाले 1,528 लोगों में से पहली थीं. पद्मा ने बताया कि उन्हें अपने जेंडर के बारे में बहुत जल्दी पता चल गया था. लेकिन एलएलबी के अपने अंतिम वर्ष में ही उन्होंने अपने पिता और मां से अपनी पहचान के बारे में बताया. उन्होंने बहुत सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और परिवार को आगे बढ़ने में सहयोग दिया. पद्मा ने कहा कि मेरे पिता और मां ने कहा कि आपको हमें कुछ भी बताना होगा, यह बात उनके जीवन में एक बड़ी ताकत बन गई है.