चंडीगढ़: हरियाणा में शनिवार से धान की खरीद शुरू (Paddy procurement in Haryana) हो गई है. बड़ी संख्या में किसान प्रदेश की मंडियों में धान की फसल को लेकर पहुंच रहे हैं. पहले सरकार ने धान की खरीद का समय एक अक्टूबर तय किया था. इसके बाद इसे बदलकर 11 अक्टूबर कर दिया गया.
सरकार का कहना था कि हरियाणा में इस बार हाल ही के दिनों में बारिश हुई है, जिसकी वजह से धान में नमी आ गई है. इसी बात को लेकर सरकार ने एक अक्टूबर की जगह 11 अक्टूबर से धान की खरीद का एलान किया, जिसके बाद किसानों में भारी रोष देखा गया.
सरकार की घोषणा के हिसाब से किसान एक अक्टूबर से धान लेकर मंडियों में पहुंचे, लेकिन आखिरी वक्त पर खरीद प्रक्रिया आगे बढ़ने से किसानों के सामने फसल भंडारण की समस्या पैदा हो गई. क्योंकि न तो मंडियों में धान के भंडारण की सही व्यवस्था है और न ही किसान ज्यादा दिन उसे घर या ट्रॉली में रख सकते हैं.
वहीं, बारिश से मंडियों में पड़ी धान की ढेरियां भीग रही हैं, जिससे गुस्साए किसानों ने पूरे हरियाणा में प्रदर्शन किया. किसान नेता गुरनाम चढूनी के आह्वान पर किसानों ने दो अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन प्रदेशभर में प्रदर्शन किया.
किसानों ने बीजेपी और जेजेपी नेताओं के आवास के घेराव की कोशिश की. इस दौरान कहीं किसानों पर वाटर कैनन चलाया गया तो कहीं उनपर लाठियां भांजी गईं. हरियाणा में किसानों के बढ़ते विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और कृषि मंत्री जेपी दलाल शनिवार को ही दिल्ली पहुंचे. यहां उन्होंने केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री अश्निनी चौबे से मुलाकात की, जिसके बाद सीएम ने धान की खरीद को तीन अक्टूबर से शुरू करने की घोषणा की.
इसके साथ ही उन्होंने किसानों से प्रदर्शन बंद करने की अपील भी की. सीएम की इस घोषणा के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt kisan morcha) ने भी प्रदर्शन रोकने की घोषणा कर दी. इसके बाद किसानों ने प्रदर्शन को खत्म कर दिया.
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केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री अश्विनी चौबे से मुलाकात के बाद सीएम मनोहर लाल ने मीडिया को बयान दिया कि धान खरीद के मुद्दे पर समाधान निकालने के लिए केंद्रीय मंत्री से मुलाकात हुई है. उन्होंने कहा कि रविवार से ही हरियाणा और पंजाब में धान की खरीद शुरू करने पर सहमति बन गई है.