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प. बंगाल चुनाव में बीजेपी ने उतारी 'सुपर-22' नेताओं की फौज

भारतीय जनता पार्टी ने बंगाल की लड़ाई को अब आर-पार का युद्ध बना दिया है. एक तरफ जहां घायल ममता बनर्जी के मुद्दे को लेकर टीएमसी और बीजेपी आमने-सामने है, वही पार्टी ने इस मुद्दे को कानून-व्यवस्था से जोड़ दिया है. यही नहीं पार्टी हर हाल में इस कोशिश में जुट गई है कि टीएमसी सहानुभूति वोट ना बटोर पाए.

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Published : Mar 11, 2021, 7:37 PM IST

नई दिल्ली :बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के साथ हुई घटना और अस्पताल में भर्ती होने के बाद ही भाजपा के केंद्रीय नेताओं ने आनन-फानन में एक बैठक बुलाई. उसमें पश्चिम बंगाल के वर्तमान हालात पर चर्चा की गई. पार्टी सूत्रों का कहना है कि ममता बनर्जी इस हमले को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर चोट कर रही हैं और इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही हैं.

हालांकि, पार्टी किसी सूरत में भी ममता को इस मुद्दे पर सहानुभूति वोट बटोरने नहीं देगी. यही नहीं ममता बनर्जी के चोटिल होने पर या जैसा टीएमसी आरोप लगा रही है कि उन्हें जानबूझकर धक्का दिया गया. पार्टी ने इस मुद्दे को पश्चिम बंगाल की कानून-व्यवस्था से जोड़ दिया है और इसे जोर-शोर से उठा रही है.

भाजपा के सुपर 22

इसी क्रम में मंगलवार को देर रात हुई पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक के बाद 22 केंद्रीय नेताओं को पश्चिम बंगाल में जमीनी तौर पर काम करने के लिए नियुक्त किया है. सूत्रों की मानें तो इन 22 नेताओं की टीम को 'सुपर22' का नाम दिया गया है. इस सुपर 22 नेताओं का समूह वहां पहले से जमीनी स्तर पर बनाई गई टीम के साथ मिलकर उनके दिशा-निर्देश तय करेगी. साथ ही ग्राउंड लेवल पर जनता और पोलिंग बूथ और कार्यकर्ताओं तक अपनी पहुंच बढ़ाएगी.

इन नेताओं पर भरोसा

इन सुपर 22 नेताओं में नितिन नवीन, अरविंद लिंबावली, राधा मोहन सिंह, प्रवेश वर्मा, रमेश बिधूड़ी, विनोद तावडे, शंकर चौधरी, विनय सहस्त्रबुद्धे, निशिकांत दुबे, मंगल पांडे और प्रदीप सिंह वाघेला के अलावा सात केंद्रीय मंत्री शामिल हैं. इसमें दो नाम केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और आरके सिंह को जोड़ा गया है. ममता बनर्जी के घायल होने के बाद पश्चिम बंगाल के चुनाव प्रचार में आए ट्विस्ट को लेकर कहीं ना कहीं अंदर खाने पार्टी में थोड़ी घबराहट भी है. डर है कि इस मुद्दे पर कहीं टीएमसी, बीजेपी को बैकफुट पर ना पहुंचा दे और जनता की सहानुभूति ना बटोर ले जाए.

मुद्दे को कानून-व्यवस्था से जोड़ा

इस वजह से पार्टी के तमाम प्रवक्ताओं, बंगाल चुनाव प्रचार में लगे केंद्रीय नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों को अंदरखाने यह निर्देश दिए गए हैं कि इस मुद्दे को बंगाल की कानून-व्यवस्था से जोड़कर बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत किया जाए.

ममता कर रही हैं ड्रामा

इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुदेश वर्मा ने ईटीवी भारत से कहा कि ममता किसे बहलाने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि यह एक अटैक का ड्रामा करके ममता बनर्जी जो दिखाना चाह रही हैं, वह किसी के गले नहीं उतर रहा है. बीजेपी प्रवक्ता का यह भी आरोप है कि 4-4 आईपीएस ऑफिसर इनकी सिक्योरिटी के इंचार्ज हैं. इतना बड़ा पुलिस कंटिजेंट लेकर चलती हैं और उसके बाद वह आरोप लगा रही हैं कि अटैक हो गया? जाहिर सी बात है कि अपनी तरफ सहानुभूति बटोरने का प्रयास है.

हंस रही बंगाल की जनता

सुदेश वर्मा ने कहा कि वे बाकी पार्टियों को बदनाम करने का प्रयास कर रही हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सबसे आश्चर्य की बात है कि अटैक के बाद कोई अभी तक पकड़ा भी नहीं जा रहा है. यदि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर अटैक हुआ है, तो लोगों को पकड़ा जाना चाहिए था. बीजेपी ने यह भी सवाल उठाते हुए कहा कि ममता ने ड्रामा किया है, क्योंकि वह ड्रामा स्पेशलिस्ट हैं.

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यह सबको पता है कि किस तरह से बीजेपी के नेताओं पर अटैक हुआ है. अब वे इस तरह के ड्रामा करके सहानुभूति बटोरने की प्रयास कर रही हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल की जनता हंस रही है.

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