नई दिल्ली :बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के साथ हुई घटना और अस्पताल में भर्ती होने के बाद ही भाजपा के केंद्रीय नेताओं ने आनन-फानन में एक बैठक बुलाई. उसमें पश्चिम बंगाल के वर्तमान हालात पर चर्चा की गई. पार्टी सूत्रों का कहना है कि ममता बनर्जी इस हमले को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर चोट कर रही हैं और इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही हैं.
हालांकि, पार्टी किसी सूरत में भी ममता को इस मुद्दे पर सहानुभूति वोट बटोरने नहीं देगी. यही नहीं ममता बनर्जी के चोटिल होने पर या जैसा टीएमसी आरोप लगा रही है कि उन्हें जानबूझकर धक्का दिया गया. पार्टी ने इस मुद्दे को पश्चिम बंगाल की कानून-व्यवस्था से जोड़ दिया है और इसे जोर-शोर से उठा रही है.
भाजपा के सुपर 22
इसी क्रम में मंगलवार को देर रात हुई पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक के बाद 22 केंद्रीय नेताओं को पश्चिम बंगाल में जमीनी तौर पर काम करने के लिए नियुक्त किया है. सूत्रों की मानें तो इन 22 नेताओं की टीम को 'सुपर22' का नाम दिया गया है. इस सुपर 22 नेताओं का समूह वहां पहले से जमीनी स्तर पर बनाई गई टीम के साथ मिलकर उनके दिशा-निर्देश तय करेगी. साथ ही ग्राउंड लेवल पर जनता और पोलिंग बूथ और कार्यकर्ताओं तक अपनी पहुंच बढ़ाएगी.
इन नेताओं पर भरोसा
इन सुपर 22 नेताओं में नितिन नवीन, अरविंद लिंबावली, राधा मोहन सिंह, प्रवेश वर्मा, रमेश बिधूड़ी, विनोद तावडे, शंकर चौधरी, विनय सहस्त्रबुद्धे, निशिकांत दुबे, मंगल पांडे और प्रदीप सिंह वाघेला के अलावा सात केंद्रीय मंत्री शामिल हैं. इसमें दो नाम केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और आरके सिंह को जोड़ा गया है. ममता बनर्जी के घायल होने के बाद पश्चिम बंगाल के चुनाव प्रचार में आए ट्विस्ट को लेकर कहीं ना कहीं अंदर खाने पार्टी में थोड़ी घबराहट भी है. डर है कि इस मुद्दे पर कहीं टीएमसी, बीजेपी को बैकफुट पर ना पहुंचा दे और जनता की सहानुभूति ना बटोर ले जाए.
मुद्दे को कानून-व्यवस्था से जोड़ा