मुंबई : देश में कोरोना महामारी के शुरुआती दौर से ही महाराष्ट्र संक्रमण के मामलों में देश में टॉप पर रहा है. लापरवाही के कारण भी शहर में मरीजों की मौत के मामले सामने आ चुके हैं. इस बीच मुंबई के कई अस्पतालों में हुई कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के बाद हंगामे की तस्वीरें सुर्खियों में हैं. वहीं, इस दौरान ऑक्सीजन की कमी से मौत के दावे को अस्पताल प्रबंधन ने खारिज कर रहा है. अस्पताल प्रबंधन की ओर से ये भी कहा गया कि सभी मृतकों की हालत अस्पताल में भर्ती होने वाले दिन से ही गंभीर थी.
मुंबई से लगभग 60 किलोमीटर दूर वसई में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है. वसई में भी आक्सीजन की कमी के चलते 10 मरीजों की मौत हो चुकी है.
भारत में ऑक्सीजन की खपत
सितंबर 2020 में देश में मेडिकल ऑक्सीजन की मासिक खपत लगभग 2,675 मीट्रिक टन थी, जो मार्च 2021 तक लगभग 1,459 हो गई थी.
मुंबई में ऑक्सीजन की मांग और आपूर्ति
- फरवरी 2021 में अस्पतालों में रोजाना 150 से 200 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता होती थी, मार्च के अंत तक यह मांग 650 से 750 मीट्रिक टन हो गई. वहीं, छह अप्रैल तक यह खपत 777 मीट्रिक टन को छू गई चुकी थी.
- महाराष्ट्र की अधिकतम उत्पादन सीमा 1,250 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्रतिदिन है. महाराष्ट्र हर दिन गुजरात से 30 से 50 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्राप्त कर रहा है और छत्तीसगढ़ से प्रतिदिन 50 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन लेने की तैयारी है.
- मुंबई में हर दिन 10,000 नये कोविड-19 मामले सामने आ रहे हैं, उनमें से 1,000-1,500 संक्रमितों को ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है. आज हाल यह है कि मुंबई के अस्पतालों में 8,481 कोविड मरीज ऑक्सीजन के सहारे हैं.
ऑक्सीजन की आपूर्ति पर महाराष्ट्र सरकार के निर्देश
30 मार्च 2021 को महाराष्ट्र सरकार ने ऑक्सीजन के औद्योगिक उत्पादकों को निर्देश दिया था कि वे चिकित्सा और दवा उद्देश्यों के लिए 80 प्रतिशत आपूर्ति रिजर्व करें.