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सांस लेने पर भी टैक्स! इस यूनिवर्सिटी में आने वालों को देना होगा 'ऑक्सीजन कर'

उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय परिसर में सुबह शाम घूमने आने वाले लोगों को अब टैक्स देना होगा. इतना ही नहीं जो छात्र दाखिला लेने वाले हैं, उन्हें भी टैक्स देने पर ही एडमिशन मिलेगा.

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Published : Aug 3, 2021, 4:57 PM IST

उज्जैन : अब तक सिर्फ वस्तुओं पर टैक्स लगाया जाता था, लेकिन उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय परिसर में सांस लेने पर भी टैक्स लगाया जा रहा है. टैक्स के रूप में छात्र और अन्य लोगों को सिर्फ एक पौधा लगाना होगा. पौधे की देखभाल भी इन्हीं लोगों को करनी होगी. विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने वाले छात्रों को हर महीने पौधे की सेल्फी रिकॉर्ड में रखनी होगी, इसी आधार पर छात्रों को प्रोजेक्ट के नंबर भी मिलेंगे.

विक्रम विश्वविद्यालय में ऑक्सीजन पर टैक्स

कुलपति अखिलेश कुमार ने बताया कि विक्रम विश्वविद्यालय के 300 एकड़ कैंपस में पौधरोपण किया जाना है. उन्होंने कहा, वृक्षारोपण के महत्व को हम समझें तो 1 मिनट में एक व्यक्ति 7 से 8 लीटर एयर लेता है, जिसमें 20% ऑक्सीजन होती है. इस तरह प्रत्येक व्यक्ति प्रतिदिन 550 लीटर एयर लेता है, और एक पौधा दिनभर में 750 लीटर ऑक्सीजन बनाता है. वहीं विश्वविद्यालय परिसर में हर रोज 4 से 5 हजार लोग सुबह-शाम घूमने आते हैं. अब इन्हीं लोगों को टैक्स के रूप में कैंपस में पौधा लगाना होगा.

नेचुरल ऑक्सीजन प्रोडक्शन बढ़ावा देना उद्देश्य

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति का कहना है कि हर रोज 4 से 5 हजार लोग इसी तरह ऑक्सीजन कंज्यूम (Consume) करते रहेंगे तो नेचुरल ऑक्सीजन प्रोडक्शन इंटरेस्ट को बढ़ावा कैसे मिलेगा. इसे बढ़ावा देने के लिए ही टैक्स के रूप में पौधा लगाने का उद्देश्य रखा गया है. पौधा लगाने वाला व्यक्ति ही उसकी देखभाल की जिम्मेदारी लेगा. कुलपति ने आगे कहा कि कोरोना काल में ऑक्सीजन का महत्व लोगों ने बेहतर तरह से समझा है.

छात्रों को पौधे की करनी होगी देखभाल, प्रोजेक्ट के नंबर मिलेंगे

कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने वाले छात्रों के लिए भी नियम बनाया गया है. हर एक छात्र को 5 पौधों की जिम्मेदारी दी जाएगी. जिससे वह हर रोज लगभग 3 से 5 साल तक की पढ़ाई में उसका ध्यान रखेगा. छात्रों के पास आउट होने के बाद अन्य छात्रों को उन पौधों की जिम्मेदारी दी जाएगी. पौधरोपण के जरिए छात्रों को प्रोजेक्ट के रूप में नंबर भी मिलेंगे. हर महीने पौधे की सेल्फी लेकर छात्रों को रिकॉर्ड रखना होगा.

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