नई दिल्ली : ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने कोविड -19 के संभावित उपचार के रूप में परजीवी दवा इवरमेक्टिन का इस्तेमाल किए जाने पर परीक्षण किया.
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय का कहना है कि अध्ययनों में पाया गया कि इवरमेक्टिन (Ivermectin) से वायरस प्रतिकृति में कमी आई. विश्वविद्यालय ने कहा कि दवा जल्दी देने से वायरल लोड और हल्के कोविड -19 वाले कुछ रोगियों में लक्षणों की अवधि कम हो सकती है.
ब्रिटिश अध्ययन से पता चला है कि एंटीबायोटिक्स एज़िथ्रोमाइसिन और डॉक्सीसाइक्लिन आमतौर पर प्रारंभिक चरण के कोविड -19 के खिलाफ अप्रभावी थे. जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूरोपीय और अमेरिकी नियामकों ने कोविड -19 रोगियों में आइवरमेक्टिन के उपयोग के खिलाफ सिफारिश की है, इसका उपयोग भारत सहित कुछ देशों में बीमारी के इलाज के लिए किया जा रहा है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किए थे निर्देश
हालांकि भारत सरकार ने बीते सप्ताह जारी दिशा-निर्देशों में कहा था कि वयस्क कोविड रोगियों के उपचार में काम आने वाली अधिकतर दवाएं जैसे कि आइवरमेक्टिन, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, फैविपिराविर जैसी औषधियां और डॉक्सीसाइक्लिन तथा एजिथ्रोमाइसिन जैसी एंटीबायोटिक दवाओं का कोविड-19 से पीड़ित बच्चों पर परीक्षण नहीं किया गया है. इसलिए ये बच्चों के उपचार के लिए अनुशंसित नहीं हैं.