श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में पिछले तीन वर्षों में लगभग 2.82 लाख पासपोर्ट सत्यापन आवेदनों को मंजूरी दी गई (2.82 lakh passport applications approved in jammu kashmir) और केवल 805 को खारिज किया गया. पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी .
पुलिस ने नेताओं और पत्रकारों समेत विभिन्न वर्ग के लोगों की गतिविधियों की 'कड़ी निगरानी' किए जाने का बचाव करते हुए कहा कि 'भारत-विरोधी दुष्प्रचार' को रोकने के लिए ऐसा करना जरूरी है. पुलिस ने कहा कि आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) मुख्यालय द्वारा की गई मौजूदा पहलों से सफलता मिली है क्योंकि राष्ट्र विरोधी तत्वों द्वारा पासपोर्ट के दुरुपयोग में गिरावट देखी गई है.
पुलिस ने कहा कि एक प्रमुख व्यवसायी और एक पत्रकार सहित 143 पासपोर्ट आवेदकों ने सुविधा का दुरुपयोग किया और देश के खिलाफ नफरत फैलाने वाले प्रचार तंत्र का हिस्सा बन गए.
पुलिस ने एक बयान में कहा, 'देश-विरोधी तत्वों के नापाक मंसूबों को विफल करने के लिए समय-समय पर रणनीति में सुधार किया जाता है. ये देश विरोधी तत्व सुरक्षा बलों की आंखों में धूल झोंकने के लिए नए-नए तरीके अपनाते रहे हैं. पहले ये साफ-सुथरी छवि वाले लोगों को निशाना बनाते हैं और फिर उन्हें कट्टरपंथी बनाकर उनसे ऐसे काम कराते हैं, जो उनके नापाक मंसूबों को पूरा करने के लिए उपयुक्त होते हैं.'
बयान में कहा गया है 'भारत विरोधी प्रचार तंत्र पर अंकुश लगाने और उसे बेनकाब करने के लिए धार्मिक नेताओं, राजनेताओं, वकीलों और पत्रकारों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए गहन जांच अनिवार्य है.' पुलिस ने कहा कि खामियों को दूर कर यह सुनिश्चित किया गया है कि स्वच्छ छवि वाले छात्र जो देश के बाहर उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक हैं, उन्हें पासपोर्ट सुविधा प्राप्त करने में कोई बाधा न आए.
सीआईडी मुख्यालय ने पासपोर्ट सुविधाओं के किसी भी दुरुपयोग से बचने के इरादे से खामियों को दूर करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के रूप में व्यापक दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं.