लखनऊ:हाल ही में संपन्न हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में मुस्लिम मतदाताओं ने सपा का भरपूर साथ दिया जबकि आधे से अधिक हिंदू मतदाता बीजेपी के साथ रहे. सीएसडीएस-लोकनीति सर्वेक्षण (CSDS Public Policy Survey) के निष्कर्षों के अनुसार 2017 के विधानसभा चुनावों की तुलना में भाजपा ने मुस्लिम मतदाताओं के बीच अपने समर्थन में मामूली वृद्धि दर्ज की है.
अध्ययन इस तथ्य की ओर भी इशारा करता है कि अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी को पिछले विधानसभा चुनावों में 18 प्रतिशत से अधिक 26 प्रतिशत हिंदू मतदाताओं का समर्थन मिला. यादव ने अपने अभियान के दौरान हिंदुओं के बीच भाजपा के वोट आधार को कम करने के उद्देश्य से कई मंदिरों का दौरा किया. सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (सीएसडीएस) के एक शोध कार्यक्रम, लोकनीति के प्रोफेसर और सह-निदेशक संजय कुमार ने बताया कि सर्वेक्षण के निष्कर्ष एक व्यापक नमूने पर आधारित हैं. जो किसी भी सर्वेक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ध्रुवीकृत चुनावों के लिए मुद्दा सेट किया. यह कहा कि 80 प्रतिशत आबादी ने भाजपा का समर्थन करती है जबकि 20 प्रतिशत ने अतीत की तरह इसका विरोध किया है. उनके बयान को राजनीतिक हलकों में राज्य की आबादी में हिंदुओं और मुसलमानों के अनुपात के संदर्भ में देखा गया. सीएसडीएस-लोकनीति सर्वेक्षण में कहा गया है कि भाजपा को 2017 में 47 प्रतिशत की तुलना में 54 प्रतिशत हिंदू मतदाताओं ने समर्थन दिया है. बसपा को 14 प्रतिशत हिंदू मतदाताओं का समर्थन प्राप्त है. कांग्रेस को 2 प्रतिशत हिंदू मतदाताओं का समर्थन प्राप्त है.
भाजपा और उसके गठबंधन सहयोगियों ने चुनावों में 403 विधानसभा सीटों में से 273 पर जीत हासिल की. जिसके परिणाम 10 मार्च को घोषित किए गए. सपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को 125 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस को केवल दो सीटें मिलीं, जो पिछली बार की सात सीटों से कम हैं. बसपा को केवल एक सीट मिली, जो उसका अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है.