नई दिल्ली :साल 2020 के अंत तक देशभर की जेलों में कम से कम 4.83 लाख भारतीय नागरिक कैद थे. इनमें 76 फीसदी से अधिक विचाराधीन आरोपी, जबकि 23 प्रतिशत दोषी करार दिए गए लोग शामिल हैं. सरकार द्वारा जारी ताजा आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की वार्षिक 'जेल स्टैटिस्टिक्स इंडिया 2020' रिपोर्ट (NCRB Annual Prison Statistics India 2020 Report) से पता चला है कि देशभर की जेलों में 3,549 (या एक प्रतिशत से भी कम) अन्य ऐसे कैदी भी मौजूद थे, जिन्हें हिरासत में लिया गया था. रिपोर्ट में बताया गया है कि 2020 के अंत तक देशभर की जेलों में विदेशी मूल के 4,926 कैदी भी बंद थे.
NCRB के मुताबिक, भारतीय जेलों में बंद ज्यादातर विचाराधीन कैदी जहां 18 से 30 साल के आयुवर्ग में (age of most of the undertrials in Indian jails) थे, वहीं दोषी करार दिए गए अधिकतर लोगों की उम्र 30 से 50 वर्ष के बीच थी. रिपोर्ट के अनुसार, कुल कैदियों में 1.11 लाख (23.04 फीसदी) दोषी करार दिए जा चुके अपराधी, जबकि 3.68 लाख (76.17 फीसदी) विचाराधीन आरोपी और 3,549 (0.76 फीसदी) हिरासत में रखे गए लोग शामिल थे. गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाले एनसीआरबी के मुताबिक, कुल 4.83 लाख कैदियों में 96 फीसदी पुरुष, 3.98 फीसदी महिलाएं और 0.01 फीसदी ट्रांसजेंडर शामिल हैं.
NCRB ने बताया कि राज्यों में सबसे ज्यादा 22.1 प्रतिशत यानी लगभग 1.06 लाख कैदी उत्तर प्रदेश की जेलों में थे. एजेंसी के मुताबिक, बिहार सर्वाधिक कैदियों वाले राज्यों की सूची में दूसरे और मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर था. दोनों राज्यों की जेलों में क्रमश: 10.7 फीसदी (51,849) और 9.4 प्रतिशत (45,456) कैदी बंद थे.