खगड़िया: बिहार में पुल गिरने या धंसने का सिलसिला लगातार जारी है. बिहार के खगड़िया में एनएच 31 के बूढ़ी गंडक नदी पर बने फोरलेन पथ पर स्थित पुल का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है. स्थानीय लोगों ने पुल क्षतिग्रस्त होने की जानकारी एनएचएआई के लोगों को दी. जिसके बाद एनएचएआई के अदिकारी मौके पर पहुंच हुए हैं और पुल की जांच कर रहे हैं. बता दें कि बूढी गंडक नदी पर बना यह पुल खगड़िया और बेगूसराय के रास्ते राजधानी पटना को जोड़ता है.
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खगड़िया में बूढ़ी गंडक नदी पर बना पुल धंसा : जिस जगह पर पुल क्षतिग्रस्त हुआ है. उसके समानांतर में दूसरे लेन पर पुल बना है. लोगों को दूसरे लेन के पुल से आवागमन करने की अपील की गई है. ताकि सुरक्षा की दृष्टीकोण से क्षतिग्रस्त हुए पुल के हिस्से की मरम्मती की जा सके. फिलहाल पुल के टूटे हुए हिस्से की जांच चल रही है और क्षतिग्रस्त होने के कारणों का पता लगाया जा रहा है.
15 करोड़ की लागत से बना पुल : इस पुल को बिना उद्घाटन के आम लोगों के लिए अप्रैल में आवागमन के लिए खोल दिया गया था. बताया जाता है कि पुल के निर्माण में 15 करोड़ की लागत आई थी. यह पुल पुराने बूढ़ी गंडक नदी के समानांतर बनाया गया था.बता दें कि एनएच 31 पर खगड़िया जिले में बूढ़ी गंडक नदी पर बने इस पुल को लूंज लायल कंपनी ने बनाया है. पुल धंसने की खबर के बाद नगर थाने की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई है.
''NHAI के अधिकारी मौके पर पहुंच है. कैसे पुल छतिग्रस्त हुआ, इसकी जांच की जा रही है. अभी पुल पर आवागमन रोक दिया गया है.''- संतोष कुमार, डीडीसी
तीन महीने भी नहीं चला नया पुल: आपके बता दें कि जिले के रहीमपुर के पास एनएच 31 पर गंडक नदी पर 15.5 करोड़ की लागत से बना नया पुल को महज तीन महीने ही हुए हैं. लेकिन पुल पर बनी सड़क बीच से ही धंसकर टूटने लगी है. मलवा गंडक नदी में गिर रहा है. जिसको लेकर पुल निर्माण के गुणवत्ता पर फिर सवाल उठने लगे हैं. 244 मीटर लंबे नवनिर्मित पुल को पुंज लायड कंपनी ने 2017 से बनना शुरू किया था और मार्च 2023 से आवागमन को शुरु किया गया. लेकिन तीन महिने में ही सड़क का कंक्रीट टूटकर बाहर निकलने लगा है और पुल का छड़ दिखाई देने लगा लगा है.
आने वाले समय में हो सकता है हादसा: स्थानीय लोगों का कहना है की पुल की जांच सही से नहीं किया गया तो आने वाले समय में कोई हादसा हो सकता है. बताते चलें की खगड़िया के इस गंडक पुल से होकर सीमांचल, पश्चिम बंगाल समेत पूर्वोत्तर भारत के लिए काफी संख्या में वाहन गुजरते हैं. 1960 के दशक में चीन युद्ध के समय पुराना पुल पहले से जर्जर होने के बाद इस पुल का निर्माण कराया गया. लेकिन इस पुल का भी हाल तीन महीना में ही खराब होने लगा है. जिससे पुल के निर्माण पर सवालिया निशान उठने लगे हैं.
"50 साल पहले जो पुल बना था, वो अभी भी ठीक है. जो तीन महीना पहले जो पुल बना है, वो एकदम टूटकर जर्जर हो गया है. इसी से पता चलता है कि ठेकेदार द्वारा कैसे काम कराया गया. कितना लूट-खसोट हुआ है. मार्च में पुल चालू हुआ और जून-जलाई में टूट गया."-बबलू,स्थानीय
जून में गिरा था अगुवानी घाट पुल: आपको बता दें कि बिहार में नदी पर बने पुल के क्षतिग्रस्त होने का ये कोई पहला मामला नहीं है. अक्सर बिहार में पुल गिरने की खबरें आती रहती है. अब सवाल यह उठता है कि आखिर क्यों बिहार में बार-बार पुल कभी गिर जाता है तो कभी धंस जाता हैं? यहां आपका बता दें पिछले एक साल में 10 पुल गिरने या फिर धंसने की घटना सामने आ चुकी हैं. इनमें कई लोगों की जान भी जा चुकी है. अब आइये आपको बताते है कि पिछले एक साल में कब-कब और कहां पुल गिरने की घटना सामने आई?
पुल टूटने का सिलसिला जारीः इससे पहले प्रदेश में कई पुल ध्वस्त हो चुके हैं. बीते चार जून को भागलपुर जिले में बन रहे अगुवानी घाट पुल भरभराकर गिर गया था. पिछले वर्ष भी ये पुल बनाने के दौरान एक बार गिर गया था. 1710 करोड़ की लागत से बन रहे अगुवानी पुल गिरने को लेकर कई दिनों तक बिहार में राजनीति गरमाई हुई थी. बिहार के भागलपुर में अगुवानी घाट पुल, के बाद किशनगंज और पूर्णिया में भी पुल ध्वस्त हुआ और अब खगड़िया में भी एक पुल क्षतिग्रस्त हो गया. फिलहाल क्षतिग्रस्त हुए पुल की मरम्मती को लेकर जांच का काम चल रहा है. जल्द से जल्द इसे ठीक करने की कोशिश की जा रही है.