इंफाल : मणिपुर में जारी विवाद के बीच असम राइफल्स ने एक नई जानकारी शेयर की है. असम राइफल्स ने बताया कि हिंसा प्रभावित मणिपुर में सभी समुदायों के 50,000 से अधिक विस्थापित लोगों को निकाला है. उन्हें सुरक्षित मार्ग, आश्रय, भोजन और दवाएं प्रदान की हैं. असम राइफल्स (एआर) हिंसा प्रभावित मणिपुर के लोगों की सहायता करने में सबसे पहले और आगे रही है.बयान में कहा गया है कि बल ने बिना किसी पूर्वाग्रह के सभी समुदायों के लोगों को हिंसा क्षेत्र से बचाने और निकालने में निस्वार्थ सेवा की.
इसमें कहा गया है कि सुरक्षा बलों द्वारा प्रदान किए गए अनुकूल माहौल के कारण, शांति वार्ता का पहला दौर गृह मंत्री अमित शाह द्वारा शुरू किया जा सका. बता दें कि 30 मई को गृह मंत्री ने राज्य का दौरा किया था. असम राइफल्स ने एनएच-37 के माध्यम से इंफाल घाटी में दवाएं और घरेलू जरूरत की आवश्यक चीजें ले जाने वाले नागरिक ट्रकों के काफिले को चौबीसों घंटे सुरक्षा प्रदान करने का बीड़ा उठाया. जिसके परिणामस्वरूप 14 मई से लगभग 9000 ट्रकों का काफिला शुरू हुआ था. बयान के अनुसार, तब से लेकर ट्रक बिना किसी दुर्घटना के राजमार्ग पर चल रहे हैं.
असम राइफल्स के बयान में कहा गया है कि कठिन प्रयासों के बावजूद, असम राइफल्स को आश्चर्यजनक रूप से एकतरफा आलोचना का सामना करना पड़ा है. बयान में कहा गया कि असम राइफल्स उत्तर पूर्व क्षेत्र में सबसे शक्तिशाली बल है. जिसके कर्मियों ने राज्य में शांति लाने के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है. बल लगातार उत्तर पूर्व के लोगों के लिए लगातार काम कर रहे हैं. वे अनदेखी प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करते हुए मानवीय मूल्यों, करुणा और प्रतिबद्धता को कायम रख रहे हैं.