नई दिल्ली: देश के विभिन्न राज्यों में सूचना आयुक्तों (information commissioner) के स्वीकृत पदों की संख्या 165 है लेकिन इनमें से 42 पद खाली हैं, जबकि दो राज्य बिना मुख्य सूचना आयुक्त (Chief Information Commissioner) (सीआईसी) के काम कर रहे हैं. इस बात की जानकारी मंगलवार को एक आधिकारिक रिपोर्ट में दी गई.
रिपोर्ट में कहा गया कि सार्वजनिक प्राधिकरणों द्वारा सक्रिय रूप से जानकारी उपलब्ध कराने में गैर-अनुपालन, नागरिकों के प्रति सार्वजनिक सूचना अधिकारियों (पीआईओ) (public information officer) के विरोधी दृष्टिकोण और सूचना को छिपाने के लिए सूचना का अधिकार (आरटीआई) (Right to information) अधिनियम के प्रावधानों की गलत व्याख्या, सार्वजनिक हित को लेकर स्पष्टता का अभाव और निजता का अधिकार पारदर्शिता कानून के प्रभावी कार्यान्वयन के रास्ते में खड़े हैं.
गैर सरकारी संगठन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया (टीआईआई) (Transparency International India) की छठी 'स्टेट ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट 2022' में कहा गया कि 'मुख्य सूचना आयुक्तों एवं सूचना आयुक्तों के स्वीकृत 165 पदों में से 42 पद रिक्त हैं.' रिपोर्ट में कहा गया कि इन 42 रिक्त पदों में दो पद मुख्य सूचना आयुक्त (गुजरात व झारखंड में) के हैं और 40 सूचना आयुक्तों के हैं.
इसके मुताबिक पश्चिम बंगाल, पंजाब और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा चार-चार पद रिक्त हैं जबकि उत्तराखंड, केरल, हरियाणा और केंद्र में तीन-तीन पद खाली हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि सूचना आयुक्तों के पांच प्रतिशत से भी कम पदों पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है. इसमें कहा गया कि 2005-06 से 2020-21 तक, सूचना आयोगों द्वारा दर्ज किए गए आंकड़ों के अनुसार, राज्यों और केंद्र को 4,20,75,403 आरटीआई आवेदन प्राप्त हुए थे.