हरिद्वार :हरिद्वार महाकुंभ में सोमवती अमावस्या के दूसरे शाही स्नान पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उड़ा. सुबह से ही श्रद्धालु स्नान का पुण्य लाभ कमाने को हरकी पैड़ी समेत आस-पास के गंगा घाटों पर पहुंचने लगे थे. शाम 6 बजे तक 31 लाख 23 हजार से ज्यादा साधु-संत और श्रद्धालु गंगा स्नान कर चुके हैं.
अखाड़ों के स्नान को लेकर सुबह आठ बजे से पहले ही हरकी पैड़ी घाट को खाली करा दिया गया. आज के शाही स्नान में सात संन्यासी अखाड़ों के साथ बैरागी अखाड़े ने क्रमवार तरीके से हरकी पैड़ी पर स्नान किया.
इस बीच हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर सुबह आठ बजे से लेकर सभी अखाड़ों के स्नान करने तक किसी भी व्यक्ति का ब्रह्मकुंड पर स्नान करना प्रतिबंधित रहा. मेला प्रशासन द्वारा जारी की गई गाइड लाइन के अनुसार, आम श्रद्धालु इस दौरान किसी भी अन्य घाट पर स्नान कर सकते हैं.
जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर मां अंबा नंदगिरि का कहना है कि कुंभ को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखने को मिला. यह बहुत ही अद्भुत नजारा था. कोरोना महामारी होने के बावजूद भी लोगों में इतनी श्रद्धा देखने को मिली. सभी भक्त मां गंगा का स्नान करने हरिद्वार आ रहे हैं. यही उत्साह दिखाता है कि कुंभ मेले का क्या महत्व है.
सोमवती अमावस्या का होता है विशेष महत्व
हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व माना गया है. मान्यता है कि जो भी व्यक्ति या श्रद्धालु आज के दिन गंगा में पावन डुबकी लगाता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. आज के दिन पीपल की परिक्रमा को शास्त्रों में सबसे शुभ माना गया है.
मान्यता है कि पीपल में देवी-देवताओं का वास होने के कारण जब देवता पूजन से प्रसन्न होते हैं, तो व्यक्ति के सभी कष्टों का हरण होता है. इस वर्ष पूरे साल में केवल एक ही सोमवती अमावस्या होने के कारण आज हर व्यक्ति गंगा स्नान को आ रहा है.