नई दिल्ली :भारत ने शिंजियांग क्षेत्र में मानवाधिकार की स्थिति (Human rights in Xinjiang) पर चर्चा के लिए यूएनएचआरसी में एक मसौदा प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लिया. इसके एक दिन बाद भारत ने कहा कि चीन के अशांत शिंजियांग क्षेत्र में मानवाधिकार की स्थिति पर चर्चा के लिए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में एक मसौदा प्रस्ताव पर मतदान में भाग नहीं लेना 'देश विशिष्ट प्रस्ताव पर मतदान में' हिस्सा नहीं लेना लंबे समय से चली आ रही स्थिति के अनुरूप है.शिंजियांग पर हमारी स्थिति स्पष्ट है.'
शिंजियांग में मानवाधिकारों के सम्मान का आह्वान करते हुए, जहां कई रिपोर्टों में चीनी पक्ष पर अत्यधिक अत्याचार और मानवाधिकारों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है. विदेश मंत्रालय ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि संबंधित पक्ष स्थिति को निष्पक्ष और ठीक से संबोधित करेगा.'
'ईटीवी भारत' से बात करते हुए चीन में दूत के रूप में सेवा दे चुके अनुभवी राजनयिक अंब अशोक कांथा (सेवानिवृत्त) (Amb Ashok Kantha) ने कहा, 'यूएनएचसीआर में भारत की अनुपस्थिति भारत की नीति के तहत है, इसमें कुछ भी दिलचस्प नहीं है. विशिष्ट देशों द्वारा बुलाए गए ऐसे संकल्प का हम आमतौर पर समर्थन नहीं करते हैं.'
बिगड़ते चीन-भारत संबंध और भारत ने वोटिंग से क्यों परहेज किया? इस सवाल पर अंब अशोक कांथा ने कहा कि 'हमें एलएसी पर चीन के साथ समस्या है और हम इन मुद्दों को देख रहे हैं लेकिन शिजियांग में मानवाधिकार के इस मुद्दे को हम मानवाधिकारों के उल्लंघन पर अपनी नीति के संदर्भ में देख रहे हैं.'
गौरतलब है कि शिंजियांग की स्थिति पर मसौदा प्रस्ताव कनाडा, डेनमार्क, फिनलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे, स्वीडन, यूके और यूएस के एक समूह द्वारा प्रस्तुत किया गया था. तुर्की सहित कई देशों ने इसे सह-प्रायोजित किया था.
सैंतालीस सदस्यीय परिषद में यह मसौदा प्रस्ताव खारिज हो गया, क्योंकि 17 सदस्यों ने पक्ष में तथा चीन सहित 19 देशों ने मसौदा प्रस्ताव के विरुद्ध मतदान किया. भारत, ब्राजील, मैक्सिको और यूक्रेन सहित 11 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया. यह वैश्विक दक्षिण के बीच एकता का प्रदर्शन था. दिलचस्प बात यह है कि भारत, यूक्रेन और आर्मेनिया ने भू-राजनीतिक हलकों में इसका क्या असर होगा इसकी चिंता नहीं की.
चर्चा करने के खिलाफ मतदान करने वाले देशों में बोलीविया, कैमरून, चीन, क्यूबा, इरिट्रिया, गैबॉन, इंडोनेशिया, आइवरी कोस्ट, कजाकिस्तान, मॉरिटानिया, नामीबिया, नेपाल, पाकिस्तान, कतर, सेनेगल, सूडान, संयुक्त अरब अमीरात, उज्बेकिस्तान और वेनेजुएला थे.