नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि हमारा देश काफी मजबूत है. समय आने पर लोग खुद जवाब देंगे. इसे हर बार बदनाम करने की जरूरत नहीं है. कोर्ट ने यह टिप्पणी तब कि जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक सदस्य की जमानत याचिका का जोरदार विरोध किया. ईडी ने पीएफआई सदस्य अब्दुल रजाक पीडियाक्कल से जुड़े मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि यह मामला सिर्फ मनी लॉन्ड्रिंग का नहीं है बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है.
शीर्ष अदालत मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कथित पीएफआई नेता अब्दुल रजाक पीडियाक्कल की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी. न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के भागने का खतरा नहीं है. उन्होंने सवाल किया कि क्या जमानत की ऐसी शर्तें हैं जो उसे देश छोड़ने की अनुमति नहीं देती हैं? उसे जेल में क्यों रखा जाये. वह एक साल से जेल में बंद है.
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि इसके जमानत पर छूटने से कुछ संरक्षित गवाह हैं जो मुकर सकते हैं. उन्होंने कहा कि कुछ गवाह पीएफआई से जुड़े थे. जिनको आरोपी धमकी दे सकता है. राजू ने कहा कि हमें पता चला है, एक ऐसे मामले में कुछ लोग नेपाल के रास्ते भाग गए हैं. इनपर नजर रखना बहुत मुश्किल है. उनके पास बहुत सारे गुप्त स्थान हैं.
पीठ ने आश्चर्य जताया कि जब मामले में अन्य सभी जमानत पर बाहर हैं तो रजाक को सलाखों के पीछे क्यों रखा जाना चाहिए. वह विदेश में रह रहा था और संभव है कि उसने धन इकट्ठा कर प्रतिबंधित संगठन को दे दिया हो. पीठ ने कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे सीधे तौर पर संगठन के साथ उसका जुड़ाव साबित होता हो.