नई दिल्ली:भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने आज दिल्ली एक कार्यक्रम को संबोधित किया. एक कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में उन्होंने शीर्ष और निचली अदालत की भूमिका पर चर्चा की. इस मौके पर उन्होंने जोर देकर कहा कि अदालत के लिए, कोई भी मामला बड़ा या छोटा नहीं होता. हर मामला महत्वपूर्ण होता है क्योंकि नागरिकों की शिकायतों से जुड़े छोटे मामलों में ही संवैधानिक और न्यायशास्त्रीय महत्व के मुद्दे सामने आते हैं.
ऐसी शिकायतों को दूर करने में अदालत सादे संवैधानिक दायित्वों का पालन करती है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने हाल के दिनों में हुए कुछ पुराने फैसलों को याद करते हुए कहा कि हमारी अदालत लैंगिक समानता के एक मजबूत समर्थक के रूप में उभरी है, चाहे वह विरासत के कानून की व्याख्या हो या सशस्त्र बलों में महिलाओं के प्रवेश को सुरक्षित करना हो. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय ने न्याय तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास किया है.
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने साथ ही कहा कि अदालत के लिए कोई मामला बड़ा या छोटा नहीं होता है और उसके लिए हर मामला महत्वपूर्ण होता है. उन्होंने भारत के उच्चतम न्यायालय की 73वीं वर्षगांठ पर कहा कि हर दिन, उच्चतम न्यायालय के सामने सैकड़ों मामले होते हैं तथा न्यायाधीशों और रजिस्ट्री के कर्मचारी उनका त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़़ ने कहा कि शीर्ष अदालत ने पिछले तीन महीनों में 12,471 मामलों का निस्तारण किया. उन्होंने कहा कि अदालत के लिए, कोई मामला बड़ा या छोटा नहीं होता है - हर मामला महत्वपूर्ण होता है.