नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने कहा है कि खबर प्रकाशकों, ओवर-द- टॉप (ओटीटी) मंचों और डिजिटल मीडिया के लिए 'आचार संहिता' एवं त्रिस्तरीय शिकायत निवारण प्रणाली लागू होगी. इन निकायों के लिए सॉफ्ट टच नियामक ढांचा स्थापित करने का प्रयास करते हुए सरकार ने कहा कि नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम वीडियो जैसे ओटीटी मंचों को (दर्शकों की) उम्र पर आधारित पांच श्रेणियों- यू (यूनीवर्सल), यू/ए सात साल (से अधिक उम्र के), यू/ए 13 से (अधिक उम्र के), यू/ए 16 से (अधिक उम्र के) और ए (बालिग) में अपने आप को वर्गीकृत करना होगा.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददताओं से कहा कि ऐसे मंचों को यू/ए 13 (साल से अधिक उम्र) श्रेणी की सामग्री के लिए अभिभावक तालाबंदी प्रणाली तथा ए श्रेणी की सामग्री के वास्ते भरोसेमंद उम्र सत्यापन प्रणाली लागू करनी होगी.
इस संबंध में साइबर क्राइम रिसर्च और साइबर लॉ के अध्यक्ष अनुज अग्रवाल ने ईटीवी भारत संवाददाता मुहम्मद तौसीफ अहमद से बात करते हुए कहा कि पिछले कुछ सालों में, कुछ प्लेटफार्मों ने पूरी तरह से सेल्फ रेग्यूलेशन को खत्म कर दिया है, जिससे यहां आपत्तिजनक सामग्री जैसे अश्लील सामग्री, भड़काने वाली सामग्री, धार्मिक-घृणा सामग्री भरी पड़ी है. इसके अलावा, ये प्लेटफ़ॉर्म सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर बहुत आंशिक रूप से काम कर रहे थे. कभी-कभी, वे सिर्फ एक विशेष समूह की आवाज को दबाते हैं.
उन्होंने कहा कि जो भी कंटेंट फिल्मों द्वारा दिखाया जा रहा था उसके लिए जरूरी है कि उस पर लगाम किसी जाए. उन्होंने कहा कि क्योंकि ओटीटी प्लेटफॉर्म सेंसर बोर्ड के दायरे में नहीं आते ऐसे में यह सरकार द्वारा उठाया गया अच्छा कदम है.