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वाक-अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रही सरकार : कांग्रेस - देनी होगी संदेश वाहक की जानकारी

कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि पीडोफाइल, चाइल्ड पोर्नोग्राफी या ऐसा कुछ जांचने के लिए कोई भी उपाय स्वागत योग्य है, लेकिन इसकी आड़ में वाक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के प्रयास का विरोध होना चाहिए. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Feb 25, 2021, 6:59 PM IST

नई दिल्ली :सोशल मीडिया, ऑनलाइन स्ट्रीमिंग और डिजिटल सामग्री को विनियमित करने के लिए केंद्र सरकार ने गुरुवार को नियमों की घोषणा की. कांग्रेस पार्टी ने यह कहते हुए तीखा हमला किया है कि यह भाषण और अभिव्यक्ति की आजादी पर अंकुश लगाने के लिए किया गया है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए.

कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने मीडिया से कहा कि पीडोफाइल, चाइल्ड पोर्नोग्राफी या ऐसा कुछ जांचने के लिए कोई भी उपाय स्वागत योग्य है. मुझे लगता है कि उन उपायों को अपनाने की जरूरत है. हमें अपने बच्चों के लिए और अधिक सुरक्षित समाज की आवश्यकता है. हमें इसे नियंत्रण में रखने की जरूरत है. लेकिन इसकी आड़ में यह वाक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने की तरह लगता है. इस सरकार ने लगातार ऐसा किया है. जैसे कि वह पिकपॉकेटिंग जैसे छोटे अपराधों के लिए भी देशद्रोह का आरोप लगाती है. यह फैशन की तरह हो गया है.

सुप्रिया श्रीनेत का बयान.

कांग्रेस करती रहेगी विरोध

नियमों के नए सेट के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस कदम से सोशल मीडिया के उपयोगकर्ता सशक्त होंगे. केंद्र की चेतावनी देशभर में चल रहे सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लागू होगी. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि सोशल मीडिया के दोहरे मानक स्वीकार्य नहीं होंगे. प्रसाद के बयान पर हमला करते हुए सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि मुझे लगता है कि रविशंकर प्रसाद कानून मंत्री हैं, लेकिन दूरसंचार और आईटी मंत्री के रूप में काम कर रहे हैं. जिन्होंने भारतीय दूरसंचार को खत्म करने का काम किया है.

दिलाई महात्मा गांधी की याद
सुप्रिया ने कहा कि उन्हें यह याद दिलाने की जरूरत है कि इसकी जड़ें महात्मा गांधी के पास हैं. जिन्होंने वाक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी और आखिरकार जीत हासिल की. ​​भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में किया जा रहा कुछ भी बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. नए नियमों के तहत स्व-विनियमन के दो स्तरों के साथ एक तीन-स्तरीय शिकायत निवारण तंत्र स्थापित किया गया है. स्तर एक प्रकाशक के पास है. स्तर दो में स्व नियामक निकाय शामिल हैं और तीसरे स्तर पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधीन निरीक्षण तंत्र होगा.

देनी होगी संदेश वाहक की जानकारी
नए नियमों में अदालत के आदेश या सरकारी प्राधिकरण के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर शरारती ट्वीट या संदेश के पहले प्रवर्तक की जानकारी देनी होगी. प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मीडिया की स्वतंत्रता लोकतंत्र की आत्मा है, लेकिन हर स्वतंत्रता को जिम्मेदार होना चाहिए. वहीं कांग्रेस ने कहा कि वाक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने वाले किसी भी कदम को रोकने के लिए हम आखिरी सांस तक लड़ेंगे.

यह भी पढ़ें-केंद्र सरकार ने बनाई अहम गाइडलाइन, डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पैरेंटल लॉक

कांग्रेस ने कहा कि हमने हाल ही में न्यायमूर्ति राणा के फैसले को देखा है जो सरकार के मुंह पर तमाचा है और उन्हें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की याद दिलाता है.

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