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काेराेना से अनाथ हुए बच्चों काे सरकार का संरक्षण, मिलेंगी ये सुविधाएं

काेराेना के कारण माता-पिता दोनों को खोने वाले बच्चाें काे पीएम-केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत मदद की जाएगी. शनिवार काे इस बाबत आयाेजित एक अहम बैठक की पीएम माेदी ने अध्यक्षता की. पेश है इस पर ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता कृष्णानंद त्रिपाठी की रिपाेर्ट....

काेराेना
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Published : May 29, 2021, 6:52 PM IST

Updated : May 29, 2021, 8:15 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार काे घोषणा की कि COVID-19 के कारण माता-पिता (दाेनाें) या अभिभावक को खोने वाले सभी बच्चों को 'पीएम-केयर्स फॉर चिल्ड्रन' योजना के तहत सहायता दी जाएगी.

कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को 18 वर्ष की उम्र के बाद मासिक भत्ता (स्टाइपेंड) मिलेगा और 23 साल के होने पर पीएम केयर्स फंड से दस लाख रुपये की निधि मिलेगी. इसके तहत दी जाने वाली सुविधाओं में पांच साल के लिए भत्ता और 12 वीं कक्षा तक की निःशुल्क शिक्षा आदि शामिल हैं.

आज पीएम माेदी ने काेराेना से प्रभावित बच्चाें की स्थिति और उन्हें लाभ पहुंचाने से जुड़ी बैठक की अध्यक्षता की और इस दिशा में उठाये जाने वाले कदमाें पर चर्चा की गई. इन उपायों की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि बच्चे देश के भविष्य हैं इसलिए देश बच्चों की मदद और सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगा ताकि उनका भविष्य उज्ज्वल हो.

पीएम ने कहा कि ऐसे कठिन समय में यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने बच्चों की देखभाल करें और प्रभावित बच्चाें के उज्ज्वल भविष्य के लिए कार्य करें और उनमें उम्मीद जगाएं. उन्होंने यह भी कहा कि PM CARES फंड COVID-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई का समर्थन करेगा.

10 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए शिक्षा
पीएमओ के मुताबिक, अनाथ बच्चे को नजदीकी केंद्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में डे स्कॉलर के तौर पर दाखिला दिया जाएगा और अगर बच्चे का दाखिला निजी स्कूल में होता है तो आरटीई के नियमों के मुताबिक फीस दी जाएगी. पीएम केयर्स स्कूल ड्रेस, पाठ्यपुस्तकों और नोटबुक पर खर्च का भुगतान भी करेगा.

11-18 वर्ष के बीच के बच्चों की शिक्षा
ऐसे मामलों में अनाथ बच्चों को केंद्र सरकार के किसी भी आवासीय विद्यालय जैसे सैनिक स्कूल, नवोदय विद्यालय आदि में प्रवेश दिया जाएगा.

सरकार ने कहा, अगर बच्चे को अभिभावक, दादा-दादी या विस्तारित परिवार की देखरेख में जारी रखना है, तो उसे नजदीकी केंद्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में डे स्कॉलर के रूप में प्रवेश दिया जाएगा. अगर बच्चे को एक निजी स्कूल में भर्ती कराया जाता है, तो आरटीई मानदंडों के अनुसार फीस पीएम केयर्स से दी जाएगी.

उच्च शिक्षा
सरकार ने कहा कि जब कोई अनाथ बच्चा उच्च शिक्षा की आयु प्राप्त कर लेता है तो उसे मौजूदा मानदंडों के अनुसार देश के भीतर व्यावसायिक पाठ्यक्रमों, उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण प्राप्त करने में सहायता की जाएगी.

इन शिक्षा ऋणों पर ब्याज का भुगतान
एक विकल्प के रूप में पीएमओ ने कहा, केंद्र या राज्य सरकार की योजनाओं के तहत ऐसे बच्चों को सरकारी मानदंडों के अनुसार स्नातक या व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए ट्यूशन फीस के बराबर छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी. जो बच्चे मौजूदा छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत पात्र नहीं हैं, उनके लिए PM CARES एक समान छात्रवृत्ति प्रदान करेगा.

स्वास्थ्य बीमा
कोविड -19 वायरस से अनाथ सभी बच्चों को 5 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा कवर के साथ आयुष्मान भारत योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत लाभार्थी के रूप में नामांकित किया जाएगा. 18 वर्ष की आयु तक के इन बच्चों के लिए प्रीमियम राशि का भुगतान PM CARES द्वारा किया जाएगा.

बता दें कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से कोरोना वायरस के कारण अनाथ हुए बच्चों का विवरण एकत्र करने और उन्हें सहयोग करने को कहा.

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पिछले साल मार्च में महामारी के प्रकोप की शुरुआत के बाद से देश में वायरस ने 3,22,000 से अधिक लोगों की जान ले ली है और उनमें से आधे से अधिक की माैत इस साल अप्रैल-मई में हाे गई.

Last Updated : May 29, 2021, 8:15 PM IST

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