नई दिल्ली : कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा जारी अध्यादेश को 4 अप्रैल को सिनेमैटोग्राफी अधिनियम, कॉपीराइट अधिनियम, सीमा शुल्क अधिनियम, वित्त अधिनियम, ट्रेड मार्क्स अधिनियम और कई अन्य के साथ संशोधित करने के लिए अधिसूचित किया गया था.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ट्वीट के जरिए अपनी नाराजगी जाहिर की है. वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने इस मामले को लेकर राज्यसभा के सभापति को पत्र लिखा है. मनीष तिवारी ने ट्वीट किया कि अध्यादेश का नियम अपवाद होना चाहिए. लेकिन एनडीए, बीजेपी ने ऐसा नहीं होने दिया. उनके पास संसद या लोकतंत्र के लिए सम्मानजनक सम्मान नहीं है. वर्तमान अध्यादेश न्यायिक स्वतंत्रता के लिए एक मौत के झटके की तरह है.
स्थायी समिति के पास नहीं भेजा
अपने पत्र में जयराम रमेश ने कहा कि मैं अध्यादेश के गुणों पर आपको नहीं लिख रहा हूं. मैं बस विश्वास के उल्लंघन पर अपनी असहमति व्यक्त करना चाहता हूं. जहां तक विधेयक को स्थायी समिति को संदर्भित नहीं करने की बात है तो क्या इस सरकार से कुछ बेहतर अपेक्षा की जा सकती है? उन्होंने यह भी बताया कि जैसा कि सत्र करीब आ रहा है, कांग्रेस सांसद को राज्यसभा में ट्रेजरी बेंच के फ्लोर मैनेजरों द्वारा सूचित किया गया था कि विधेयक को बजट सत्र में अधूरा नहीं लिया जाएगा, लेकिन इसे स्थायी समिति के पास भेजा जाएगा.
अनुराग ठाकुर ने पेश किया विधेयक