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Ordinance on Control of Services: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने 10 जुलाई को सेवाओं के नियंत्रण पर अध्यादेश की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर केंद्र का रुख पूछा है.

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Published : Jul 10, 2023, 5:59 PM IST

Updated : Jul 10, 2023, 6:08 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सेवाओं पर नियंत्रण संबंधी ऑर्डिनेंस की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर केंद्र का जवाब मांगा है. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की बेंच ने सरकार को नोटिस जारी किया और आम आदमी पार्टी नीत सरकार की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट अभिषेक सिंघवी से अपनी याचिका में संशोधन करने तथा मामले में उपराज्यपाल को एक पक्ष के तौर पर जोड़ने के लिए कहा है.

पीठ ने कहा कि ‘‘हम नोटिस जारी करेंगे.’’ और सुनवाई 17 जुलाई को तय किया. आप सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि यह कार्यकारी आदेश मनमाना है जो शीर्ष अदालत और संविधान की मूल संरचना को दरकिनार करने का प्रयास करता है. दिल्ली सरकार ने इस अध्यादेश को रद्द करने के साथ ही इस पर रोक लगाने की भी गुजारिश की है.

केंद्र सरकार ने 19 मई को दिल्ली में ग्रुप-ए के अधिकारियों के तबादले और पदस्थापन को लेकर एक प्राधिकरण बनाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023 लागू किया था. केजरीवाल सरकार ने इस अध्यादेश को सेवाओं पर नियंत्रण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ धोखा कहा है. अध्यादेश के एक हफ्ते पूर्व कोर्ट ने दिल्ली में पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि को छोड़कर सेवाओं का नियंत्रण निर्वाचित सरकार को सौंपने का हुक्म दिया था.

अध्यादेश में दिल्ली, अंडमान और निकोबार, लक्षद्वीप, दमन और दीव एवं दादर और नगर हवेली (सिविल) सेवा (दानिक्स) कैडर के ग्रुप-ए के अधिकारियों के तबादले और अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी की स्थापना का प्रावधान किया गया है.

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Last Updated : Jul 10, 2023, 6:08 PM IST

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