राजकोट: भारत के प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि न्यायपालिका में तकनीक का अनुकूलन न केवल आधुनिकीकरण से संबंधित है, बल्कि न्याय तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने की दिशा में एक रणनीतिक कदम भी है. उन्होंने प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए वकीलों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया.
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने यहां एक नए जिला न्यायालय भवन के उद्घाटन के अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि इन प्रगतियों का लाभ उठाने से अंतर पाटने एवं दक्षता बढ़ाने में मदद मिलेगी तथा यह सुनिश्चित होगा कि न्याय प्रदान करना भौगोलिक और तकनीकी बाधाओं के कारण बाधित न हो.
उन्होंने कार्यक्रम स्थल से एआई-आधारित 'टेक्स्ट-टू-स्पीच कॉल-आउट सिस्टम' का भी उद्घाटन किया. जिला अदालतों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, 'ये अदालतें न्याय का अधिकार सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं और एक ऐसे समाज की कल्पना करने में हमारे संविधान के आदर्शों की आधारशिला हैं जहां प्रत्येक नागरिक को न्याय का अधिकार सुनिश्चित है.'