गुवाहाटी: असम में बीजेपी का मुकाबला करने के मकसद से कांग्रेस के नेतृत्व में एकजुट हुए 12 विपक्षी राजनीतिक दल एक साथ हैं. हालांकि, ऐसा लगता है कि आम आदमी पार्टी (आप) कांग्रेस की पहल पर बने विपक्षी एकता मंच में नहीं है. आम आदमी पार्टी पहले ही विपक्षी एकता मंच में सेंध लगाकर अकेले चुनाव लड़ने का संकेत दे चुकी है.
गौरतलब है कि राज्य में बीजेपी के खिलाफ लड़ने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी ताकतों को एकजुट करने की कोशिश में आम आदमी पार्टी पहले नहीं आई. 11 विपक्षी राजनीतिक दलों के एक साथ आने के बाद आम आदमी पार्टी शामिल हो गई. लेकिन, हाल ही में चीजें फिर से बदल गई हैं. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा भी आम आदमी पार्टी के रुख से परेशानी में हैं.
दिल्ली सरकार की शक्तियां कम करने के लिए केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश पर असम में गठित विपक्षी एकता मंच में दरार आ गई है. आम आदमी पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर सबसे पुरानी पार्टी केंद्र में अध्यादेश का समर्थन करती है तो वह कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी. ऐसे में यह लगभग साफ हो गया है कि पार्टी असम में विपक्षी एकता मंच से भी पीछे हट रही है. आप के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. भावेन चौधरी ने कहा कि पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में 14 सीटों पर 'एकला चलो' की नीति के साथ लड़ने के लिए तैयार है. पार्टी ने पंचायत चुनाव के लिए जमीनी स्तर पर काम करना भी शुरू कर दिया है. इस बीच पार्टी कांग्रेस की 'बिग ब्रदर' नीति को हल्के में नहीं ले पाई है.