नई दिल्ली : सभी विपक्षी दलों ने संसद में संविधान (एक सौ सत्ताईसवां संशोधन) विधेयक 2021 का सोमवार को समर्थन करने का फैसला किया है. राज्यों को अन्य पिछड़े वर्गों (OBC) की पहचान करने की शक्ति देने वाला विधेयक लोकसभा में पेश किया जाएगा. यह फैसला आज सुबह राज्यसभा में विपक्ष के नेता के कार्यालय में हुई 15 विपक्षी दलों की बैठक के दौरान लिया गया.
इस बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी मौजूद थे. इनके अलावा बैठक में कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, राकांपा, शिवसेना, समाजवादी पार्टी, माकपा, राजद, आम आदमी पार्टी, भाकपा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, आईयूएमएल, एलजेडी, आरएसपी और केसी (एम) ने भी भाग लिया.
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वहीं राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि इस विधेयक पर चर्चा हो और पेश होने के समय संसद में इसे पारित किया जाए. उन्होंने कहा कि ऐसा ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए विधेयक के समय भी हुआ था. इसे उसी दिन पेश किया गया, चर्चा की गई और पारित किया गया. इसी तरह इस बिल के साथ भी किया जाना चाहिए.
खड़गे ने कहा कि हम इसे शांतिपूर्ण ढंग से पारित होने देंगे, क्योंकि यह पिछड़े वर्गों के पक्ष में है, जिनका देश का आधे से अधिक हिस्सा है. वहीं संसद का मानसून सत्र अपने अंतिम सप्ताह में प्रवेश कर चुका है, दूसरी तरफ विपक्ष ने दोनों सदनों में पेगासस जासूसी विवाद का मुद्दा उठाना जारी रखा और इस मामले पर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की मौजूदगी में चर्चा की मांग की.
वहीं दूसरी तरफ मायावती ने आज लोकसभा में पास संविधान संशोधन बिल का समर्थन करते हुए कहा, केंद्र सरकार इस बिल खानापूर्ति न करे बल्कि ओबीसी के खाली पदों को भरने का काम करे. मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा ओबीसी वर्ग बहुजन समाज का अभिन्न अंग है. जिसके हित एवं कल्याण के लिए डा. भीमराव अम्बेडकर ने संविधान में धारा 340 की व्यवस्था की एवं उसपर सही से अमल नहीं होने पर देश के प्रथम कानून मंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया था.