रायपुर:छत्तीसगढ़ में हाथी की समस्या को काबू में करने के लिए भूपेश सरकार एक नया प्रयोग करने जा रही है. इस प्रयोग को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. दरअसल सरकार हाथियों को मानव बस्तियों से दूर रखने के लिए जंगलों में या गांवों से बाहर धान रखना चाह रही है. दावा किया जा रहा है कि इससे हाथी मानव बस्तियों की ओर नहीं जाएगा.
छत्तीसगढ़ में हाथियों के लिए सड़ा और महंगा धान खरीदने का विरोध इससे जंगलों के आसपास रहने वाले लोग सुरक्षित रह सकेंगे. वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा है कि हाथियों को काबू में रखने के लिए सरकार की ओर से ये एक प्रयोग है. फिलहाल हम नहीं कह सकते कि ये कितना कामयाब होगा. इसमें धान खरीदी का मामला नहीं है बल्कि एक विभाग से दूसरे विभाग को दिया जाना है.
सरकार की कवायद पर सियासी बयानबाजी शुरू
सरकार के इस फैसले पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने आरोप लगाया है कि सरकार द्वारा धान खरीदी में भारी अनियमितता की गई है. इसी को छुपाने के लिए उटपटांग फैसले लिए जा रहे हैं. पूर्व सीएम डॉक्टर रमन सिंह ने बताया कि यह अद्भुत बात है कि ऑप्शन में 1400 में बिक रहा है धान और हाथियों के खिलाने के लिए सड़ा धान 2000 रुपये में फॉरेस्ट विभाग खरीदेगा.
वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट्स का मानना है कि हाथियों के लिए सुरक्षित कॉरिडोर होना चाहिए इसके साथ ही यहां लोगों को इनके साथ जीने की आदत डालनी चाहिए. जैसे कुछ राज्यों में इसे हव्वा की तरह न लेकर सामान्य तौर पर लिया जाता है, जबकि छत्तीसगढ़ में हाथियों के दल के आसपास अक्सर भीड़ जुट जाती है लोग उन्हें खदेड़ने के लिए तरह तरह के उपाय जैसे पटाखा फोड़ना, नगाड़ा बजाना जैसे प्रयास करने लगते हैं. इससे हाथी उग्र हो जाते हैं. जबकि एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर हाथियों का न छेड़ा जाए तो वे किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते.