नई दिल्ली : कांग्रेस, द्रमुक और तृणमूल कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने अर्थव्यवस्था, महंगाई को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का कार्य अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा है और सरकार बड़ी-बड़ी बातें करने, महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करने तथा अवास्तविक आंकड़े पेश करने में जुटी है. वहीं, आर्थिक स्थिति को लेकर विपक्ष की आलोचना को खारिज करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि कोरोना महामारी और इसके बाद की कठिन भू-राजनीतिक परिस्थिति से मुकाबला करते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था ने फिर से रफ्तार पकड़ ली है, जबकि चीन और यूरोप समेत दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं अभी इससे जूझ रही हैं.
लोकसभा में 2022-23 के लिये अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच और 2019-20 के लिए अनुदान की अतिरिक्त मांगों पर चर्चा की शुरूआत करते हुए शशि थरूर ने कहा कि बजटीय आवंटन एवं अर्थव्यवस्था को लेकर नरेंद्र मोदी नीत सरकार की दृष्टि विफलता की कहानी, बड़ी-बड़ी घोषणाएं करने के शौक का प्रदर्शन, अनुपालन की खामी और तड़क भड़क वाले नारों की बहुतायत को बयां करती है. उन्होंने कहा कि आज इसका खामियाजा मध्यम वर्ग, आम आदमी, मछुआरों, किसानों, गरीबों एवं वंचित वर्गो को भुगतना पड़ रहा है.
थरूर ने कहा, 'हम ऐसे समय में चर्चा कर रहे हैं जब अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का काम अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा है. अर्थव्यवस्था की स्थिति नोटबंदी के समय से गिरावट की ओर है और इसके बाद महामारी एवं लॉकडाउन से यह और खराब हुई.' उन्होंने कहा कि पर्यटन एवं सेवा क्षेत्र को बड़ा आघात लगा और कृषि एवं लघु, मध्यम एवं कुटीर उद्यम क्षेत्र (एमएसएमई) संकट में हैं. सरकार पर निशाना साधते हुए थरूर ने कहा कि सरकार का काम केवल बड़ी-बड़ी बातें करने, महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करने, अवास्तविक आंकड़े देने और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कम आवंटन तक ही सीमित रहा है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि अनुदान की अनुपूरक मांग में इतनी बड़ी राशि के लिये मंजूरी मांगना उपरोक्त बातों की पुष्टि करते हैं. वहीं, भाजपा सांसद दुबे ने महामारी से निपटने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के कदमों एवं नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि चीन सहित बड़े देश अभी भी संकट से जूझ रहे हैं जबकि हमारी अर्थव्यवस्था महामारी के प्रभावों से उबर गई है और उसने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ ली है. उन्होंने कहा कि पहले पोलियो एवं अन्य रोगों के टीके के लिये 10 से 15 वर्ष तक इंतजार करना पड़ता था, लेकिन वर्तमान सरकार में कोविड महामारी से निपटने के लिए कुछ ही समय में दो स्वदेशी टीके विकसित किये गए जो देश में अनुसंधान एवं विकास पर ध्यान देने का नतीजा हैं.
नोटबंदी पर विपक्ष की आलोचना को सिरे से खारिज करते हुए भाजपा सांसद ने कहा कि देश ने अतीत में ऐसा समय भी देखा जब जाली मुद्रा की बहुतायत थी, आतंकवादियों एवं मादक पदार्थो की तस्करी करने वालों के हौसले बुलंद थे. उन्होंने कहा कि ऐसे में जाली मुद्रा तथा आतंकवाद पर लगाम लगाने के मकसद से नोटबंदी की गयी और इसके सकारात्मक प्रभाव सामने आये हैं. दुबे ने महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का उल्लेख करते हुए कहा कि इस योजना में जितना भ्रष्टाचार है, उतना किसी दूसरी योजना में नहीं है और हमारी सरकार इसकी खामियों को दूर करने का पूरा प्रयास कर रही है.