नई दिल्ली :रामनवमी पर भाजपा शासित राज्यों में घटी हिंसाएं और जेएनयू में हुए विवाद को लेकर केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि देश में सौहार्द का शासन है. भारत में अनेकता में एकता है, सहिष्णुता है और यही भारतीयों की ताकत है. लेकिन कुछ लोग इस प्रकार की हिंसाओं को सांप्रदायिक साजिश बनाकर देश की एकता को भंग करने की कोशिश कर रहे हैं.
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान मंत्री अब्बास नकवी ने कहा कि देश में हाल में हुई एक के बाद एक हिंसा की घटनाओं को भाजपा के खिलाफ हथियार बनाने की कोशिश सफल नहीं हो पाएगी. विपक्षी पार्टियों को सरकार के खिलाफ कोई मुद्दा नहीं मिल रहा है और न ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को वे खराब कर सकते हैं. इसलिए भारत में शांति के माहौल को बिगाड़ने में लगे हैं. उन्होंने कहा कि 'मोदी बैशिंग ब्रिगेड' को 'भारत बैशिंग ब्रिगेड' बनाने की कोशिश की जा रही है.
गुजरात, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए इस तरह के माहौल बनाने के सवाल पर नकवी ने कहा कि इस तरह से लोगों को गुमराह किया जा रहा है. इतिहास के पन्नों को पलटकर देखा जाए तो, बिहार के भागलपुर में दंगा 80 के दशक में हुआ था. उसमें हजारों लोग मारे गए थे. उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित मलियाना और हाशिमपुरा में कई बेगुनाह मारे जाते हैं. लोगों की लाशें तालाबों में फेंक दी जाती है. इसके अलावा महाराष्ट्र के भिवंडी हिंसा और 1984 सिख दंगा भी हुए, जिसे आजतक लोग नहीं भूल पाए हैं. इसके बावजूद गुनहगार लोग चुनाव जीतकर सत्ता में आए और आज वह ज्ञान दे रहे हैं. चार बार पंजाब में ऐसे लोगों की सरकार बन गई जो 1984 के नरसंहार के गुनहगार थे. उत्तर प्रदेश में सरकार बन गई जिन्होंने भिवंडी, भागलपुर, मलियाना, मेरठ जैसी हिंसा की घटनाओं में संलिप्त थे, लेकिन भाजपा हमेशा से सबका साथ और सबका विकास की बातें करती आई है.