नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के इस सप्ताह 9 साल पूरे होने के साथ, सत्ता पक्ष पर सत्ता बरकरार रखने को लेकर घबराहट है और विपक्षी दलों के बीच इसे हटाने की नई आशा है. जबकि जनता अभी भी 'अच्छे (पुराने) दिनों' के सपने देख रही है. महाराष्ट्र के विपक्षी दल कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी व समाजवादी पार्टी और अन्य भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए शासन के खराब ट्रैक रिकॉर्ड पर भड़क गए.
एमवीए प्रभारी का नेतृत्व करते हुए, शिवसेना (यूबीटी) की सांसद, प्रियंका चतुवेर्दी, कांग्रेस महासचिव सचिन सावंत और एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने कई ज्वलंत मुद्दों पर भाजपा पर हमला किया, विशेष रूप से नई संसद के उद्घाटन जैसे सामयिक मुद्दों पर. चतुर्वेदी ने कहा, पीएम मोदी के कार्यकाल को मंथन की अवधि के रूप में चिह्न्ति किया जाएगा, जिस तरह से लोकतंत्र का क्षरण हुआ और संवैधानिक रूप से चुनी गई राज्य सरकारों को बेरहमी से गिराया जा रहा है और कुलीन वर्गों को बढ़ावा दिया जा रहा है.
चतुर्वेदी ने कहा, राष्ट्रपति के अपमान से लेकर उप-राष्ट्रपति को 'सम्राट' के सामने झुकना, राज्यपालों के राजनीतिक प्रतिनिधि/एजेंट होना और सत्ता की भूख मिटाने के लिए पद का खुलेआम दुरुपयोग, इस सरकार ने राजनीतिक शालीनता के सभी मानदंडों को तोड़ दिया है. सावंत ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में भारतीय अर्थव्यवस्था लड़खड़ा रही है और कई दशकों के बाद पहली बार करोड़ों लोगों को गरीबी रेखा (बीपीएल) से नीचे धकेल दिया गया है जबकि अमीर और अमीर होते जा रहे हैं.'
सांवत ने कहा, भाजपा 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के बारे में बड़ी-बड़ी बातें करती है, लेकिन वर्तमान में मुद्रास्फीति ने अभूतपूर्व स्तर को छू लिया है, बेरोजगारी ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, सभी वर्ग के लोग पीड़ित हैं, विशेष रूप से गरीब और मध्यम वर्ग, लेकिन सरकार इवेंट मैनेजमेंट में व्यस्त है. क्रेस्टो ने भाजपा के शासन में जिस तरह से लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है और व्यवस्थित रूप से नष्ट किया जा रहा है, उस पर अफसोस जताया.