नई दिल्ली : पेगासस विवाद पर विपक्ष लगातार हमलावर है. कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने इसकी जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति के गठन की मांग की है. हालांकि, केंद्रीय मंत्री ने इस खबर को सही नहीं बताया है. भाजपा ने भी इसे फेक न्यूज बताया. इसके ठीक उलट वाम पार्टियों ने पेगासस प्रकरण को 'हिंदू ध्रुवीकरण' से जोड़ दिया, जबकि ममता बनर्जी ने इसे 'वाटरगेट' से भी बड़ा कांड बताया है. ममता ने कहा कि यह 'सुपर इमरजेंसी' का दौर है.
सीपीएम ने कहा कि पेगासस प्रकरण को सीमित नजरिए से देखा जाना ठीक नहीं होगा. पार्टी के अनुसार इसे तानाशाही हिंदू शासन को स्थापित और उसे जारी रखने का एक माध्यम मानना चाहिए.
पार्टी ने कहा कि मोदी शासन 'धमकी और ब्लैकमेलिंग' के जरिए संवैधानिक संस्थाओं के कर्मियों को वश में करना चाहती है.
सीपीएम ने 'पीपुल्स डेमोक्रेसी' में एक संपादकीय लिखा है. इसमें सरकार द्वारा भीमा-कोरेगांव घटना में शामिल आरोपियों के कंप्यूटर की हैकिंग, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के जरिए धमकी और जेल में डालना और अब पेगासस प्रकरण का उदाहरण दिया गया है.
सीपीएम ने लिखा है कि पेगासस के जरिए मोदी सरकार ने विपक्षी दलों की सरकार को कमजोर किया और मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला किया है. यहां तक कि जिन महिला कर्मचारियों ने सीटिंग मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ शिकायतें कीं, उनके नंबरों की निगरानी की. सीपीएम के लिए यह और कुछ नहीं, बल्कि ऊपर बैठे लोगों को बचाने का एक जरिया भर है.
अशोक लवासा का उदाहरण देते हुए सीपीएम ने कहा कि आप देख सकते हैं. कैसे जब उन्होंने मोदी-शाह को चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन मामले में क्लीन चिट देने से इनकार किया, तो उनके पीछे स्पाईवेयर लगा दिया गया. आखिरकार जिन लोगों ने संविधान का उल्लंघन किया है, उन पर कार्रवाई तो होनी ही चाहिए. सुप्रीम कोर्ट को खुद इस तरह की जांच की निगरानी करनी चाहिए.
वहीं प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार ने 'सुपर इमरजेंसी' की स्थिति लागू कर दी है. सभी निष्पक्ष संस्थानों का राजनीतिकरण कर दिया गया है. पेगासस जासूसी मामला वाटरगेट कांड से भी भयानक है. मोदी सरकार अपने मंत्रियों और आरएसएस के सदस्यों की भी टैपिंग कर रही है.
एक दिन पहले भी ममता ने इस मामले को लेकर मोदी सरकार पर तीखा हमला किया था. उन्होंने मोदी सरकार पर देश को 'निगरानी वाला राष्ट्र' बनाने का प्रयास करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि हमारे फोन टैप किये जा रहे हैं. विपक्ष के सारे नेता जानते हैं कि हमारे फोन टैप किये जा रहे हैं. मैं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता शरद पवार, चिदंबरम या विपक्ष के अन्य नेताओं या मुख्यमंत्रियों से बात नहीं कर सकती क्योंकि केंद्र द्वारा हमारी जासूसी की जा रही है. लेकिन हमारी जासूसी कराने से वे 2024 के लोकसभा चुनाव में नहीं बच पाएंगे.
सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इजराइली स्पाईवेयर पेगासस के जरिये भारतीयों की कथित जासूसी करने संबंधी खबरों को सिरे से खारिज करते हुए गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले ऐसी रिपोर्ट का प्रकाशित होना कोई संयोग नहीं है बल्कि ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं. उच्च सदन में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच, एक बयान में वैष्णव ने कहा कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है.
पेगासस विवाद को एमनेस्टी ने बताया सौ फीसदी सत्य
पेगासस मामले में हुए खुलासे पर जब सवाल खड़े हुए, तो एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इस पर आज एक बयान जारी किया. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा, 'एमनेस्टी इंटरनेशन पेगासस प्रोजेक्ट के नतीजों के साथ स्पष्ट रूप से खड़ा है और आंकड़े अकाट्य रूप से एनएसओ ग्रुप के पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर के संभावित लक्ष्यों के साथ जुड़े हैं. पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और अन्य को गैरकानूनी तरीके से व्यापक रूप से निशाना बनाने से ध्यान भटकाने के इरादे से सोशल मीडिया पर झूठी अफवाहें फैलायी जा रही हैं. पेगासस प्रोजेक्ट ने इन लोगों को निशाना बनाए जाने का खुलासा किया है.'
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