नई दिल्ली :विपक्ष के भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) गठबंधन के 21 सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने मणिपुर का दौरा किया. इस दल ने मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की. उनसे अनुरोध किया कि पिछले 89 दिनों से मणिपुर में कानून और व्यवस्था के पूरी तरह से खराब होने के बारे में केंद्र सरकार को अवगत कराएं ताकि शांति और सामान्य स्थिति बनाने के लिए वह हस्तक्षेप कर सके.
दरअसल केंद्र को ये अधिकार है कि वह आर्टिकल 355 के तहत बाहरी आक्रमण या आंतरिक अशांति के समय राष्ट्रपति शासन लगाकर राज्य की कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी अपने हाथ में ले सकती है. मणिपुर बॉर्डर स्टेट है इस समय यहां के बिगड़े हालात को देखते हुए कहा जा सकता है कि ऐसा हो तो कोई आश्चर्य नहीं होगा.
हालांकि अब ये तो समय ही बताएगा कि विपक्षी सांसदों पर राज्यपाल का रुख क्या रहेगा. लेकिन राज्यपाल ने भी बीते दिनों कहा था कि इतनी हिंसा कभी नहीं देखी.
राहत शिविरों का किया दौरा :प्रतिनिधिमंडल ने चुराचांदपुर, मोइरांग और इंफाल में राहत शिविरों का दौरा किया और राहत शिविरों में पीड़ितों से बातचीत की. इसके बाद व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अगर मणिपुर जातीय संघर्ष को जल्द ही हल नहीं किया गया, तो यह देश के लिए सुरक्षा समस्याएं पैदा कर सकता है.
सरकार पर लगाए आरोप : राज्यपाल को दिए गए विपक्ष के ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि पिछले कुछ दिनों में लगातार गोलीबारी और घरों में आगजनी की रिपोर्टें हैं. इससे साफ है कि राज्य मशीनरी पिछले लगभग तीन महीनों से स्थिति को नियंत्रित करने में पूरी तरह से विफल रही है. इसमें कहा गया है कि राहत शिविरों में स्थिति 'दयनीय है'. प्राथमिकता के आधार पर बच्चों की विशेष देखभाल करने की आवश्यकता है. प्रतिनिधिमंडल ने तर्क दिया कि पिछले तीन महीनों से जारी इंटरनेट प्रतिबंध निराधार अफवाहों को बढ़ावा दे रहा है, जो मौजूदा अविश्वास को बढ़ा रहा है.
'मानसून सत्र के आखिरी दिन तक लड़ेंगे' :वहीं, तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सुष्मिता देव ने एक संवाददाता सम्मेलन में राज्य के लोगों को आश्वासन दिया कि विपक्षी गठबंधन उनके साथ खड़ा है और मणिपुर के लिए 'प्रधानमंत्री को जवाबदेह बनाने' के लिए संसद के मानसून सत्र के आखिरी दिन तक लड़ेगा. उन्होंने कहा कि बीजेपी विपक्ष पर फोटो-ऑप करने, संसद को बाधित करने और इस मुद्दे पर बहस नहीं करने का आरोप लगाएगी.
सुष्मिता देव ने कहा कि उनकी मुलाकात उन दो महिलाएं से भी हुई जिन्हें 4 मई को मणिपुर में भीड़ ने निर्वस्त्र अवस्था में घुमाया था और उनका यौन उत्पीड़न किया था.
21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में ये नेता :दोनों सदनों के 21 सदस्यीय विपक्षी प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई, के. सुरेश और फूलो देवी हैं. जदयू के राजीव रंजन, ललन सिंह, तृणमूल कांग्रेस से सुष्मिता देव, डीएमके से कनिमोझी, सीपीआई के संतोष कुमार, सीपीआई (एम) से एए रहीम, राजद के मनोज कुमार झा, सपा के जावेद अली खान, झामुमो की महुआ माजी, एनसीपी के पीपी मोहम्मद फैज़ल, जेडीयू के अनिल प्रसाद हेगड़े, आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन, आप के सुशील गुप्ता, शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत, वीसीके के डी रविकुमार, वीसीके के थिरु थोल थिरुमावलवन और आरएलडी के जयंत सिंह शामिल हैं.