लखीमपुर खीरी :उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुए हिंसक बवाल के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा देर रात लखनऊ पहुंचीं. इस दौरान पुलिस के साथ उनकी झड़प हो गई. लमीखपुर खीरी जाने की तैयारी कर रहीं प्रियंका गांधी को लखनऊ में ही हाउस अरेस्ट कर लिया गया. यूपी पुलिस ने प्रियंका गांधी को लखीमपुर जाने से रोक दिया, जिसके बाद वे पैदल ही आवास से बाहर निकल गईं और लखीमपुर जाने की तैयारी करने लगीं.
यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी का दावा, ''प्रियंका गांधी वाड्रा को हरगांव से गिरफ्तार किया गया.''
पुलिस ने उन्हें कौल हाउस में ही रहने के लिए कहा था. पुलिस से हुई झड़प के बाद प्रियंका गांधी देर रात लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हो गईं हैं. प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि आज की घटना बताती है कि यह सरकार किसानों को कुचलने के लिए राजनीति कर रही है. यह किसानों का देश है बीजेपी का नहीं. पीड़ितों के परिजनों से मिलने का फैसला कर मैं कोई अपराध नहीं कर रही. आप हमें क्यों रोक रहे हैं? आपके पास वारंट होना चाहिए.
वहीं बीएसपी के वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र मिश्रा को भी लखनऊ में ही हाउस अरेस्ट कर लिया गया. मिश्रा भी लखीमपुर खीरी जाने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन पुलिस वालों ने उन्हें रोक दिया. इस पर बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि हम वहां जाना चाहते हैं. क्या वे काले कानून का विरोध करने पर किसानों को कारों से कुचल देंगे? हमें वहां कानून-व्यवस्था की गड़बड़ी का हवाला देते हुए आगे बढ़ने नहीं दिया जा रहा है. अगर वे हमें नजरबंद करना चाहते हैं तो हम (लिखित) आदेश की मांग करते हैं.
यह है पूरी घटना
यह घटना तिकोनिया कोतवाली क्षेत्र के तिकोनिया-बनबीरपुर मार्ग पर हुई. खबरों के मुताबिक दो एसयूवी वाहनों द्वारा कथित रूप से प्रदर्शनकारियों को कुचले जाने के बाद नाराज किसानों ने दो एसयूवी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल) में आग लगा दी.
जिलाधिकारी का बयान
खीरी के जिलाधिकारी डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया ने तिकोनिया में मीडियाकर्मियों को बताया कि इस घटना में चार किसान और चार अन्य (एसयूवी सवार) मारे गए. इस बीच मृतक किसानों की पहचान बहराइच जिले के नानपारा निवासी दलजीत सिंह व गुरविंदर सिंह तथा पलिया-खीरी के लवप्रीत सिंह और नछत्तर सिंह के रूप में हुई है. दो एसयूवी चालकों समेत चार अन्य की पहचान अभी नहीं हो पाई है.
किसान उपमुख्यमंत्री मौर्य के बनबीरपुर दौरे का विरोध कर रहे थे जो केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और खीरी से सांसद अजय कुमार मिश्रा का पैतृक गांव है. प्रदर्शनकारियों को कथित रूप से कुचले जाने की घटना से नाराज लोगों ने दो गाड़ियों को जबरन रोककर उनमें आग लगा दी. उन्होंने कथित तौर पर कुछ यात्रियों की भी पिटाई की है.
किसानों का आरोप
वहीं किसानों का आरोप है कि एक वाहन में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री मिश्रा का बेटा सवार था, हालांकि मिश्रा ने आरोप को खारिज किया है. इस घटना को लेकर विपक्षी दलों कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल और भारतीय किसान यूनियन ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और घटना के लिए भाजपा और गृह राज्य मंत्री के पुत्र पर आरोप लगाया है.
क्या कहा गृह राज्यमंत्री ने
इस बीच केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र ने कहा कि कार्यक्रम में शिरकत करने आ रहे उपमुख्यमंत्री मौर्य को साथ लाने के लिए कुछ कार्यकर्ता जा रहे थे. रास्ते में तिकुनिया में धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कार्यकर्ताओं की गाड़ी पर पथराव कर दिया जिससे वह गाड़ी पलट गई. उसकी चपेट में आकर कुछ लोग घायल हो गए.
उन्होंने यह भी दावा किया कि बब्बर खालसा जैसे संगठन किसानों के विरोध में शामिल हो गए हैं. मिश्रा ने यह भी कहा कि भाजपा के तीन कार्यकर्ता मारे गए हैं और हमारे एक ड्राइवर की भी मौत हो गई है, दो वाहन जल गए हैं और 6-7 वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं. पार्टी के 10 से अधिक कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
अजय मिश्रा से जब पूछा गया कि क्या उनका बेटा उन वाहनों में से किसी में सवार था, जिसे कृषि विरोधी कानून प्रदर्शनकारियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था, तो उन्होंने कहा, नहीं. अगर वह उस कार में होता, तो वह जिंदा नहीं होता. उन्होंने कहा कि इस घटना में उनके बेटे की कोई संलिप्तता नहीं है.