नई दिल्ली : ओडिशा रेल हादसे की जांच सीबीआई शुरू कर चुकी है. मामले में सीबीआई ने केस भी रजिस्टर कर लिया है. लेकिन विपक्षी दल लगातार इसका विरोध कर रहे हैं. उनका आरोप है कि सीबीआई जांच के नाम पर जांच को भटकाया जा सकता है और इसकी रिपोर्ट समय से नहीं आ सकेगी. कांग्रेस के अनुसार पूरे मामले में लीपापोती की जा सकती है. इस बाबत कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चार पेज का एक पत्र प्रधानमंत्री को भी लिखा है.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि जब तक रेल सुरक्षा कमिश्नर रिपोर्ट नहीं दे देते, उसके पहले ही सरकार ने सीबीआई जांच की घोषणा क्यों कर दी. रमेश ने कहा कि आखिर सरकार ने इसमें तेजी क्यों दिखाई. कांग्रेस नेता ने कहा कि यह तो हैडलाइन मैनेजमेंट का हिस्सा भर है. जयराम रमेश ने कुछ केस का भी उदाहरण दिया. ये उदाहरण उन्होंने अपने ट्वीट में दिए हैं.
1. 20 नवंबर, 2016: इंदौर-पटना एक्सप्रेस कानपुर के पास पटरी से उतर गई. इस दुर्घटना में 150 से ज़्यादा लोगों की जान चली गई/
2. 23 जनवरी, 2017: तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर इस दुर्घटना की NIA जांच कराने की मांग की.
3. 24 फरवरी, 2017: प्रधानमंत्री ने कहा कि कानपुर रेल दुर्घटना एक साज़िश है.
4. 21 अक्टूबर, 2018: अख़बारों में रिपोर्ट आई कि NIA इस मामले में कोई चार्जशीट दाखिल नहीं करेगी.
5. 6 जून, 2023: कानपुर ट्रेन हादसे पर NIA की अंतिम रिपोर्ट को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक ख़बर नहीं आई है. कोई जवाबदेही नहीं !
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस और सैंथिया रेल दुर्घटना मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी. लेकिन नतीजा कुछ नहीं मिला. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सीबीआई आपराधिक मामलों की जांच करती है और ओडिशा रेल हादसा तो रेल दुर्घटना का मामला है. पीएम को लिखे गए पत्र में खड़गे ने लिखा कि सीबीआई राजनीतिक विफलताओं के लिए किसी को दोषी नहीं ठहरा सकती है, साथ ही उसे तकनीकी विशेषज्ञता भी नहीं है ताकि दुर्घटनाओं के डिटेल में वह जाए.
खड़गे ने कहा कि सरकार बार-बार दावा करती है कि रेल यात्रा सुरक्षित है, लेकिन रेल मंत्री का दावा खोखला है. सरकार सिस्टम में किस तरह से सुधार करेगी, सुरक्षा को कैसे मजबूत करेगी, सरकार के पास कोई रोडमैप नहीं है, बल्कि उसका इरादा भी नहीं है. पूर्व रेल मंत्री और कांग्रेस नेता पवन कुमार बंसल ने कहा कि सीबीआई जांच ध्यान भटकाने के लिए है. बंसल ने कहा कि सीबीआई को जांच सौंपने से सच्चाई सामने नहीं आएगी.
इस बीच सीबीआई की टीम ओडिशा रेल हादसे की जांच के लिए घटनास्थल पर पहुंची. वहां का मुआयना किया. दुर्घटनास्थल के अलावा टीम सिग्निंग रूम गई, कंट्रोल रूम से जरूरी आंकड़े जुटाए और उसके बाद ट्रैक का भी निरीक्षण किया. सीबीआई की जांच टीम में 10 अधिकारी शामिल हैं. सीबीआई टीम से पहले दुर्घटनास्थल पर रेलवे सुरक्षा आयुक्त शैलेश कुमार पाठक भी गए थे. खुर्दा रोड डिवीजन के डीआरएफ रिंकेश रे ने मीडिया को बताया कि बाहंगा रेल स्टेशन की व्यवस्था में छेड़छाड़ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. सीपीआरओ, दपू रेलवे, आदित्य कुमार चौधरी ने कहा कि इस वक्त कुछ भी जानकारी साझा नहीं की जा सकती है.
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