नई दिल्ली :एक तरफ जहां सोमवार से संसद का सत्र शुरू होने वाला है वहीं विपक्ष लामबंद होकर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है. विपक्षी पार्टियों ने लोकसभा अध्यक्ष की बैठक में कई मांग उठाई, जिसमें डॉलर के मुकाबले रुपया के गिरना, सीमा पर चीन के हस्तक्षेप, युवाओं के लिए लाई गई अग्निपथ योजना और देश में बढ़ते असहिष्णुता जैसे मुद्दों पर स्पीकर से सत्र के दौरान बहस की मांग उठाई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ही उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का उद्घाटन करते हुए विपक्षी पार्टियों की सरकारों की तरफ से बांटी जा रही मुफ्त रेवड़ी और वोटों की राजनीति की बात की, जिस पर उत्तर प्रदेश के नेता अखिलेश यादव ने सवाल उठाया कि क्या यह पीएम की भाषा संसदीय नहीं है. वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यदि वह शिक्षा और स्वास्थ्य मुक्त दे रहे हैं तो क्या यह जनसेवा नहीं है. लेकिन भाजपा भी कहां चुप बैठने वाली थी, भाजपा के सांसद हरनाथ सिंह यादव ने कहा कि अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश को बर्बाद कर दिया और कई साल पीछे धकेल दिया और वह इस टिप्पणी करने के लायक नहीं हैं.
भाजपा सांसद हरनाथ सिंह यादव से विशेष बातचीत उन्होंने कहा कि 'मोदी जी' और 'योगी जी' के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश का आज विकास हो रहा है तो उस पर विपक्ष को दर्द हो रहा है. जहां तक बात दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की है यह दिल्ली वालों का दुर्भाग्य है कि उन्होंने ऐसा मुख्यमंत्री चुना है. भाजपा सांसद ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के तुलना जालसाजी और मशहूर ठग नटवरलाल से की और कहा कि एक जालसाज नटवरलाल हुआ करता था और केजरीवाल के भी चरित्र उन्हीं से मिलते जुलते हैं. वह मुक्त योजनाओं की घोषणा करते हैं लेकिन यह चीजें जनता तक पहुंचती नहीं हैं.
भाजपा सांसद ने कहा कि जहां तक सवाल संसद के मानसून सत्र का है, संसद देश की 125 करोड़ जनता का प्रतिनिधित्व करता है और वहां कुछ 10-12 सांसद आकर पूरे संसद में गतिरोध पैदा करें और जनता से जुड़ी बातों को उठाने ना दें यह सरासर गलत है. संसद की तरफ से जारी किए गए सर्कुलर पर उन्होंने कहा कि संसद की गरिमा को बनाए रखना सभी सांसदों का काम है और यह बात सांसदों को समझना चाहिए. उपराष्ट्रपति उम्मीदवार पर क्या विपक्ष सहमत हो पाएगा उन्होंने कहा कि इस पर विपक्ष को विचार करना है और यह आगे ही पता चल पाएगा.
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