देहरादून : ईटीवी भारत ने देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर, टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, उत्तरकाशी में आईसीयू बेड को लेकर ऑपरेशन मदद चलाया था. जिसमें सरकार के दावों की पोल खुली थी. सरकार की ऑनलाइन वेबसाइट पर सभी जिलों में आईसीयू बेड दिखाए जा रहे हैं. लेकिन जब ईटीवी भारत के इस ऑपरेशन में कई कंट्रोल रूम और अधिकारियों से बात करने के बाद भी हमें एक आईसीयू बेड नहीं मिल पाया था. गढ़वाल के किसी भी कंट्रोल रूम और नोडल अधिकारी ने आईसीयू बेड होने से साफ इनकार कर दिया था.
ईटीवी भारत के 'ऑपरेशन मदद' से सामने आई सच्चाई पर विपक्ष ने भी सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर की जा रही सरकार की तैयारियों पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कोरोना की बदतर होती स्थिति के लिए कोई और नहीं, बल्कि सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है.
विपक्ष ने एक सुर में ईटीवी भारत सराहना की है. उन्होंने कहा कि सरकार की ऑनलाइन वेबसाइट की हालत बेहद खराब है. सरकार की तरफ से जारी किए गए कोई हेल्पलाइन नंबर उठ नहीं रहे हैं. इससे प्रदेश में हालात गंभीर हो गए हैं. विपक्ष ने कहा कि वेबसाइट में जो चीजें दिखाई जा रही हैं, हालात ठीक उसके उलट हैं. प्रीतम सिंह ने वास्तविकता को आमजन तक पहुंचाने के लिए ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया. उन्होंने ईटीवी भारत के ऑपरेशन मदद को सकारात्मक पहल बताया.
'ईटीवी भारत का रियलिटी चेक है हकीकत'
इधर कांग्रेस प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी ने भी ईटीवी भारत के ऑपरेशन के बाद सरकार पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने कहा कि ईटीवी भारत ने जो रियलिटी चेक किया है, वह पूरी तरह से हकीकत है. सरकार की वेबसाइट में जो जानकारी दी जा रही है, उसके ठीक उलट धरातल में परिस्थितियां कुछ और ही हैं. उन्होंने आरोप लगाए कि सरकार गलत आंकड़े देकर जनता को गुमराह कर रही है. नवीन जोशी का कहना है कि राज्य में हालात इतने खराब हैं कि मरीजों को ऑक्सीजन, वेंटिलेटर आईसीयू उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. सरकार मरीजों को राहत देने में पूरी तरह से विफल साबित हुई है.
वहीं, आम आदमी पार्टी के नेता रिटायर कर्नल अजय कोठियाल ने भी ईटीवी भारत की इस मुहिम की सराहना की है. उन्होंने कहा कि ईटीवी भारत के रियलिटी चेक के बाद सब को आगे आकर पल्स ऑक्सीमीटर, ऑक्सीजन राशन जैसी जरूरतों से मरीजों की सहायता करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इन सब चीजों को ध्यान में रखते हुए दो-तीन दिन में एक प्लेटफार्म तैयार किया जाएगा. जिसे लोगों के साथ शेयर करने के अलावा उन्हें आगे आने का आह्वान किया जाएगा, ताकि ऑक्सीजन आईसीयू बेड की कमी से जूझ रहे प्रदेश में जरूरतमंदों की सहायता की जा सके.
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