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'क्या भारत में 'ऋषि' मोमेंट संभव है', भाजपा बोली- मनमोहन-कलाम को भूल गए ? - rishi sunak win pm race

ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं. वह भारतीय मूल के हैं. वह हिंदू हैं. इसको लेकर अब भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकार पर बहस छिड़ गई है. ब्रिटेन में हिंदू अल्पसंख्यक हैं. कांग्रेस नेता शशि थरूर और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के बयान से राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. थरूर ने पूछा है क्या भारत में ऐसा संभव है. महबूबा ने कहा कि हम तो सीएए और एनआरसी में ही उलझे पड़े हैं. भाजपा का कहना है कि भारत में मनमोहन सिंह और अब्दुल कलाम जैसे व्यक्ति तो पहले ही शिखर तक पहुंच चुके हैं, तो क्या कांग्रेस उन्हें अल्पसंख्यक नहीं मानती है ?

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Published : Oct 25, 2022, 12:13 PM IST

Updated : Oct 25, 2022, 12:44 PM IST

नई दिल्ली : ऋषि सुनक ने ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री बनकर इतिहास (Britains first Indian origin PM Rishi Sunak) रच दिया है. ऋषि सुनक हिन्दू धर्म को मानते हैं और अपने धार्मिक विश्वास को बिना संकोच जाहिर करते हैं. उन्होंने संसद में भगवद गीता को साक्षी मानकर यॉर्कशायर से सांसद के रूप में शपथ ली थी. ऐसा करने वाले वह ब्रिटेन के पहले सांसद थे. वहीं, अब ऋषि सुनक की पीएम पद पर ताजपोशी की पुष्टि होने के साथ ही भारत में भी कुछ लोगों ने अल्पसंख्यकों और शरणार्थियों के अधिकारों को लेकर सवाल उठाया है.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री चुने गए भारतीय मूल के ऋषि सुनक को एक सक्षम नेता बताया और मंगलवार को कहा कि इस असाधारण सफलता के लिए उनकी सराहना की जानी चाहिए लेकिन देश के कुछ विपक्षी नेता दुर्भाग्य से इस अवसर पर भी राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने एक के बाद एक ट्वीट कर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पी चिदंबरम और शशि थरूर पर पलटवार किया.

चिदंबरम और थरूर सहित कुछ अन्य विपक्षी नेताओं ने सुनक के प्रधानमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त होने के बाद सोमवार को उम्मीद जताई थी कि भारत इस घटनाक्रम से सीख लेगा और अल्पसंख्यकों में से किसी को एक दिन शीर्ष पद पर चुने जाने की परंपरा को अपनाएगा. प्रसाद ने कहा, "भारतीय मूल के एक सक्षम नेता ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने वाले हैं. इस असाधारण सफलता के लिए हम सभी को उनकी सराहना करनी चाहिए. यह दुखद है कि कुछ भारतीय राजनेता दुर्भाग्य से इस अवसर का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं." पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने कहा कि सुनक के प्रधानमंत्री पद पर निर्वाचन के बाद कुछ नेता बहुसंख्यकवाद के खिलाफ अति सक्रिय हो गए हैं. उन्होंने कहा कि वह ऐसे नेताओं को ए पी जे अब्दुल कलाम के राष्ट्रपति के रूप में असाधारण कार्यकाल और प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह के 10 वर्षों के कार्यकाल की याद दिलाना चाहेंगे. आज एक प्रतिष्ठित आदिवासी नेता देश की राष्ट्रपति हैं.

चिदंबरम ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा था, "पहले कमला हैरिस और अब ऋषि सुनक. अमेरिका और ब्रिटेन के लोगों ने अपने देशों के गैर-बहुसंख्यक नागरिकों को गले लगाया है और उन्हें सरकार में उच्च पद के लिए चुना है. मुझे लगता है कि भारत और बहुसंख्यकवाद का पालन करने वाले दलों को एक सबक सीखना चाहिए." थरूर ने कहा था, "अगर ऐसा होता है, तो मुझे लगता है कि हम सभी को यह स्वीकार करना होगा कि एक अल्पसंख्यक को सबसे शक्तिशाली पद पर आसीन कर ब्रिटेनवासियों ने दुनिया में बहुत दुर्लभ काम किया है. हम भारतीय मूल के सुनक की इस उपलब्धि का जश्न मना रहे हैं तो आइए ईमानदारी से पूछें कि क्या यहां यह हो सकता है?"

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सुनक के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने को गौरवशाली क्षण बताते हुए कहा कि ब्रिटेन ने एक जातीय अल्पसंख्यक को अपने प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार किया है, लेकिन हम अभी भी एनआरसी और सीएए जैसे विभाजनकारी और भेदभावपूर्ण कानूनों से बंधे हुए हैं. प्रसाद ने मुफ्ती की प्रतिक्रिया का उल्लेख करते हुए सवाल किया कि क्या वह किसी अल्पसंख्यक को जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करेंगी? उन्होंने कहा, "कृपया स्पष्ट जवाब दें."

Last Updated : Oct 25, 2022, 12:44 PM IST

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