पटना : बिहार विधानसभा में मंगलवार को हुए हंगामे के बाद से सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर थम नहीं रहा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाए हैं वहीं नीतीश ने घटना की निंदा करते हुए पलटवार किया है.
नीतीश बोले, आपत्ति थी तो उसके लिए चर्चा करनी चाहिए थी
सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्ष का व्यवहार बेहद अमर्यादित रहा है. हमने अब तक के अपने संसदीय जीवन में इस तरह का विपक्ष का व्यवहार कभी नहीं देखा.
विधानसभा में जो कुछ भी हुआ वह अत्यंत निंदनीय था और उसके बाद जो भी कार्रवाई हुई है, वह स्पीकर ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए की है. पुलिस विधेयक विधान परिषद से पास हो गया है. अब ये कानून बनेगा. लेकिन इस पर अगर उन्हें कोई आपत्ति थी तो उसके लिए चर्चा करनी चाहिए थी.
तेजस्वी ने सीएम नीतीश का किया नया नामकरण
उधर, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बड़ा ऐलान किया है. तेजस्वी ने पटना में पत्रकारों से कहा कि विपक्ष के तमाम विधायकों ने तय किया है कि जब तक पिटाई करने वाले पुलिसकर्मियों और अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सार्वजनिक तौर पर माफी नहीं मांगेंगे, तब तक वे सदन में नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा कि पूरा विपक्ष पूरे अगले साल तक या पूरे 5 साल तक सदन का बहिष्कार करेगा.
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अब 'निर्लज्ज कुमार' हो गए हैं. उन्होंने कहा कि विरोधी दल की महिला विधायकों के साथ जब दुर्व्यवहार होता है तो मुख्यंत्री नीतीश कुमार को वह पसंद आता है.
तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा, 'राजद विधायक को लोकतंत्र के मंदिर में सादे कपड़ों में मौजूद गुंडा सरकार के नरभक्षी शासकों के गुंडों ने इतना पीटा कि उन्हें स्ट्रेचर पर एम्बुलेंस में लेकर जाना पड़ा. वो कह रहे हैं कि जालिम नीतीश जी हत्या करवा देंगे. वैसे भी सीएम को हत्या करने-कराने का पुराना अनुभव है.'
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