मुंबई: लता मंगेशकर की नर्स गायिका के जीवन के आखिरी कुछ दिनों को बड़े स्नेह से याद करती हैं. देश और दुनिया में कई दशकों से अपनी आवाज से लोगों को मंत्रमुग्ध करने वाली गायिका की देखभाल करने वालीं सारिका देवानंद भिसे ने एजेंसी से कहा, 'मैं उस वक्त लता दीदी के साथ थी, जब उन्होंने अंतिम सांस ली.' भिसे अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर पाईं जब लता के भाई हृदयनाथ ने शिवाजी पार्क में चिता को मुखाग्नि दी. साल 2015 से लता के साथ जुड़ी रहीं भिसे ने कहा, 'दीदी ने हमेशा खुद से पहले हमारे (स्टॉफ के) बारे में सोचा। हम उनसे प्यार करते थे और उनकी कमी खल रही है.'
भिसे ने कहा, 'जब वह वेंटिलेटर पर थीं उन्होंने हमें पहचान लिया. जब हमने हंसी मजाक किया तो उन्होंने जवाब दिया. पिछले दो-तीन दिनों में वह बहुत खामोश थीं.' उन्होंने कहा, ‘जब उन्हें वेंटिलेटर से हटा दिया गया तो हम उन्हें व्हील चेयर पर ले गए. उस वक्त हमें लगा कि हम जीत गए हैं और उन्हें जल्द ही घर वापस ले जाएंगे. लेकिन ऐसा नहीं होना था क्योंकि उनकी हालत जल्द ही गंभीर हो गई थी.'
उन्होंने कहा, 'निमोनिया और कोविड-19 के कारण उनके फेफड़ों में दिक्कतें थीं. वह इससे उबर गयी थी लेकिन हमें फिर वायरल संक्रमण और निमोनिया के लक्षण दिखे. उनका ऑक्सीजन स्तर भी गिर गया था. उन्हें दोबारा वेंटिलेटर पर रखना पड़ा था.' उन्होंने कहा कि मंगेशकर के अस्पताल में भर्ती रहने के 29 दिनों के दौरान वह उनकी देखभाल करती रहीं. भिसे और उनके ब्यूरो की एक और सहकर्मी अश्विनी आईसीयू में मौजूद थी जबकि परिवार के सदस्य बाहर इंतजार कर रहे थे.