नई दिल्ली :शिक्षा की संसदीय स्थायी समिति ने सुझाव दिया है कि केंद्रीय विद्यालय संगठन को विदेश में अपनी शाखाएं खोलनी चाहिए.
समिति के मुताबिक केंद्रीय विद्यालय संगठन को दुनिया के विभिन्न हिस्सों में बसे भारतीयों की संख्या को ध्यान में रखते हुए विदेशों में अपना विस्तार करना चाहिए.
भाजपा सांसद विनय सहस्रबुद्धे की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने बजट सत्र के दौरान संसद में अपनी रिपोर्ट पेश की है. रिपोर्ट में समिति ने केंद्रीय विद्यालयों के कामकाज से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की.
पैनल ने सुझाव दिया कि केंद्रीय विद्यालय संगठन को और अधिक छात्रों को समायोजित करने के लिए विदेशों में भी अपनी शाखाएं खोलनी चाहिए. संसदीय समिति ने कहा कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भारतीय बसे हैं, इसलिए इन देशों में केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए एक व्यवहार्यता अध्ययन करना चाहिए.
मॉस्को, तेहरान, काठमांडू में हैं केंद्रीय विद्यालय
वर्तमान में मॉस्को, तेहरान और काठमांडू जैसे विदेशी शहरों में केंद्रीय विद्यालय मौजूद हैं. यह सभी स्कूल वहां दूतावास के अंदर हैं और इनका खर्च विदेश मंत्रालय वहन करता है.
स्वायत्त निकाय है केंद्रीय विद्यालय
केंद्रीय विद्यालय संगठन एक स्वायत्त निकाय है. इसके द्वारा देशभर में केंद्रीय विद्यालयों को संचालित किया जाता है. यह स्कूल प्रारंभ में विशेष रूप से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों के लिए शुरू किए गए थे, हालांकि मौजूदा समय में बड़ी संख्या में गैर-सरकारी कर्मचारियों के बच्चे भी बड़ी संख्या में केंद्रीय विद्यालयों में पढ़ रहे हैं.