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जल्द घट सकते हैं पेट्रोल और डीजल के दाम, OPEC देशों का कच्चे तेल पर नया फैसला - OPEC Decision on Crude Oil

ओपेक देशों के फैसले से विश्व में कच्चे तेल की सप्लाई बढ़ेगी और इसका असर क्रूड ऑयल की कीमतें कम होने के रूप में सामने आएगा. जानिए आखिर ओपेक देशों ने क्या नया फैसला लिया है.

OPEC देशों का कच्चे तेल पर नया फैसला
OPEC देशों का कच्चे तेल पर नया फैसला

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Published : Jun 3, 2022, 8:09 AM IST

लंदन: तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और रूस समेत सहयोगी देश जुलाई और अगस्त में कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाकर 6,48,000 बैरल प्रतिदिन करेंगे. इस कदम से ऊर्जा के ऊंचे दाम और फलस्वरूप बढ़ती महंगाई से प्रभावित वैश्विक अर्थव्यवस्था को कुछ राहत मिलेगी. ओपेक और सहयोगी देशों (ओपेक प्लस) का निर्णय महामारी के दौरान की गयी कटौती को तेजी से बहाल करने में मददगार होगा. समूह 2020 से उत्पादन में कटौती को धीरे-धीरे बहाल करने के लिये हर महीने प्रति दिन 4,32,000 बैरल का उत्पादन कर रहा था.

योजना के विपरीत उत्पादन में तेजी से बढ़ोतरी का निर्णय ऐसे समय किया गया है जब कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के कारण अमेरिका में पेट्रोल का दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है. ऐसी आशंका है कि ऊर्जा के ऊंचे दाम से महामारी से उबर रही वैश्विक अर्थव्यवस्था में पुनरुद्धार की गति धीमी पड़ेगी. अमेरिका में कच्चे तेल की कीमत में इस साल की शुरुआत से अबतक 54 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

हालांकि, शुरू में ओपेक के प्रमुख देश सऊदी अरब ने पश्चिमी देशों के तेल आपूर्ति बढ़ाने के आग्रह का विरोध किया था. यूक्रेन पर हमले के बाद रूस के खिलाफ प्रतिबंधों के कारण कच्चे तेल उत्पादन में कमी आयी है. इस कमी को पूरा करने के लिये ओपेक और सहयोगी देशों से आपूर्ति बढ़ाने को कहा गया था.

भारत में कैसे सस्ते हो सकते हैं पेट्रोल डीजल के दाम
ओपेक देशों के फैसले से विश्व में कच्चे तेल की सप्लाई बढ़ेगी और इसका असर क्रूड ऑयल की कीमतें कम होने के रूप में सामने आएगा. कच्चा तेल सस्ता होगा तो निश्चित तौर पर भारत समेत कई देशों में पेट्रोल और डीजल के दाम नीचे आएंगे. भारत की क्रूड बास्केट के दाम में कटौती आने से देश में फ्यूल सस्ता होगा.

कितना होगा जुलाई-अगस्त से क्रूड प्रोडक्शन
ओपेक और सहयोगी देशों (ओपेक प्लस) का फैसला महामारी के दौरान की गयी कटौती को तेजी से बहाल करने में मददगार होगा. ओपेक ग्रुप 2020 से उत्पादन में कटौती को धीरे-धीरे बहाल करने के लिये हर महीने प्रति दिन 4,32,000 बैरल का उत्पादन कर रहा था. इसे बढ़ाकर 6,48,000 बैरल प्रतिदिन करने का फैसला ले लिया गया है.

पीटीआई-भाषा

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