हैदराबाद : तेलंगाना में हुजूराबाद उपचुनाव (Huzurabad by election) दिन-ब-दिन दिलचस्प और रोमांचक होता जा रहा है. उपचुनाव के लिए प्रचार चरम पर है. मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए सभी दलों के लिए अब एक ही दिन शेष है.
मुख्य दल टीआरएस, भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी वोट पाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे हैं. डोर टू डोर अभियान (Door to Door campaign), रोड शो और कास्ट मीटिंग के जरिए उम्मीदवार, मतदाताओं का अधिक से अधिक ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं. उपचुनाव के लिए हो रहे प्रचार में टीआरएस और बीजेपी के बीच दिलचस्प वाकयुद्ध (Word war ) चल रहा है.
भाजपा उम्मीदवार इटेला राजेंदर (BJP candidate Etela Rajender), जो पूर्व मंत्री हैं, सहानुभूति पाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. उन्होंने हाल ही में अपने मंत्रालय पद के लिए इस्तीफा दे दिया था. वह तेलंगाना सरकार और सीएम केसीआर की आलोचना (criticises Telangana government) कर रहे हैं कि कैसे वह अपने हर भाषण में बंगारू तेलंगाना (Bangaru Telangana) लाने में विफल रहे हैं.
दूसरी तरफ तेलंगाना के मंत्री हर्ष राव (Telangana Minister Harsh Rao) ने उपचुनाव में टीआरएस उम्मीदवार गेलू श्रीनिवास (TRS candidate Gellu Srinivas) की जीत की जिम्मेदारी ली है. हरीश पांच माह से प्रतिदिन मतदाताओं से मिल रहे हैं. वह मतदाताओं का ध्यान खींचने के लिए काफी प्रयास कर रहे हैं. अपने हर भाषण में वह दलित बंधु योजना (Dalith Bandhu scheme) का उल्लेख करने में असफल नहीं हुए और सवाल उठाया है कि भाजपा उम्मीदवार जो पूर्व मंत्री हैं, ने हुजूराबाद निर्वाचन क्षेत्र (Huzurabad constituency) का विकास क्यों नहीं किया.