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Watch : प्याज निर्यात पर प्रतिबंध के खिलाफ किसानों ने मुंबई-आगरा राजमार्ग अवरुद्ध किया, नीलामी रोकी

केंद्र सरकार के द्वारा प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा से नाराज प्याज किसानों ने मुंबई-आगरा राजमार्ग को जाम कर दिया. वहीं कई स्थानों पर प्याज मंडियों में नीलामी भी नहीं हुई. पढ़िए पूरी खबर... Mumbai Agra Highway, Onion farmers, Centres ban on exports

Farmers blocked Mumbai-Agra highway
किसानों ने मुंबई-आगरा राजमार्ग अवरुद्ध किया

By PTI

Published : Dec 8, 2023, 7:30 PM IST

Updated : Dec 8, 2023, 7:50 PM IST

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मनमाड (नासिक) : केंद्र द्वारा प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद प्याज किसानों ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के नासिक में मुंबई आगरा राजमार्ग को तीन स्थानों पर अवरुद्ध कर दिया और जिले के थोक बाजार में नीलामी रोक दी. यह जानकारी पुलिस ने दी. केंद्र ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों को काबू में रखने के लिए प्याज के निर्यात पर 31 मार्च, 2024 तक प्रतिबंध लगा दिया है. एक अधिकारी ने कहा कि किसानों ने शुक्रवार को नासिक में लासलगांव, चंदवाड, नंदगांव, डिंडोरी, येवला, उमराने और अन्य स्थानों की प्याज मंडियों में नीलामी बंद कर दी.

अधिकारियों के अनुसार, लासलगांव कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) में नीलामी नहीं हुई, लेकिन लासलगांव एपीएमसी के विन्चुर और निप्पाद उप-समितियों में हुई. अधिकारियों ने बताया कि प्याज से लदे 600 वाहन शुक्रवार को विन्चुर पहुंचे. उन्होंने कहा कि न्यूनतम कीमत 1,500 रुपये प्रति क्विंटल, अधिकतम 3,300 रुपये प्रति क्विंटल और औसत 2,700 रुपये प्रति क्विंटल थी. अधिकारी ने कहा कि मुंबई-आगरा राजमार्ग पर सैकड़ों किसानों ने कुछ समय के लिए तीन स्थानों पर ट्रैक्टरों का उपयोग करके सड़क अवरुद्ध कर दिया. उन्होंने कहा कि किसानों ने जयखेडा, चंदवाड, उमराने, नंदगांव और मालेगांव के मुंगसे में रास्ता रोको प्रदर्शन किया.

अधिकारी ने कहा कि नासिक पुलिस द्वारा अपील के बाद प्रदर्शनकारी शांतिपूर्ण तरीके से तितर-बितर हो गए और किसानों पर कोई बल प्रयोग नहीं किया गया. लासलगांव एपीएमसी के अध्यक्ष बालासाहेब क्षीरसागर ने कहा, 'केंद्र का फैसला किसानों के पक्ष में नहीं है. प्याज की कीमतें तेजी से नहीं बढ़ रही थीं और पिछले पांच से छह दिनों में नीचे आ गई थीं. इस निर्णय से किसानों को नुकसान होगा और हम इसे वापस लिये जाने की मांग करते हैं.'

उन्होंने कहा कि वर्तमान में, कीमतें 1,000 रुपये से 1,200 रुपये प्रति क्विंटल हैं, हालांकि लोग इसे 3,000 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बेच रहे हैं. उन्होंने कीमतों में वृद्धि के लिए बिचौलियों को दोषी ठहराया. उन्होंने कहा कि कोई बिचौलिया नहीं होना चाहिए और सरकार को सीधे प्याज बेचने का फैसला करना चाहिए. येओला में आंदोलन करने वाले किसान किरण दराडे ने कहा, 'केंद्र सरकार ने बिना किसी सूचना या शिकायत के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया. किसानों को बेमौसम वर्षा और ओलावृष्टि के कारण नुकसान हुआ है. मकई और प्याज की फसलों पर असर हुआ है। प्रतिबंध जल्द से जल्द रद्द किया जाना चाहिए.'

इससे पहले अक्टूबर में, केंद्र ने उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने के लिए बफर प्याज भंडार से खुदरा बाजारों में 25 रुपये प्रति किलोग्राम की सब्सिडी वाली दर पर बिक्री बढ़ाने का फैसला किया था. कीमतों को नियंत्रित करने के लिए, सरकार ने इस वर्ष 28 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक प्याज निर्यात पर 800 अमेरिकी डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगाया था. अगस्त में, भारत ने प्याज पर 31 दिसंबर तक 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया था.

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Last Updated : Dec 8, 2023, 7:50 PM IST

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