गुवाहाटीः प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन उल्फा (आई) की ओर से अपहृत ओएनजीसी कर्मचारी रितुल सैकिया वापस अपने घर पहुंच गए हैं. करीब एक महीने पहले उन्हें उल्फा (आई) ने अपहरण कर लिया था. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की अपील के बाद उल्फा (आई) ने उन्हें रिहा कर दिया.
असम पुलिस मुख्यालय के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि सैकिया का 21 अप्रैल को अपहरण किया गया था. यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (स्वतंत्र) उग्रवादियों ने उन्हें नगालैंड के मोन जिले में लोंगवा गांव में म्यांमा सीमा के पास छोड़ दिया. वह शनिवार की शाम में अपने घर पहुंच गए.
असम के नए मुख्यमंत्री सरमा ने ओएनजीसी कर्मचारी की रिहाई का स्वागत किया. वह 18 मई को सैकिया के घर गए थे और उनकी पत्नी तथा माता-पिता को उन्हें वापस लाने के सरकार के प्रयासों को लेकर आश्वस्त किया था.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रैंक के एक अधिकारी ने बताया कि सैकिया को म्यांमा सीमा क्षेत्र में सुबह करीब सात बजे रिहा किया गया और वह भारतीय राज्य में प्रवेश करने के लिए करीब 40 मिनट तक पैदल चले.
उन्होंने कहा कि सेना और नगालैंड पुलिस सैकिया को मोन पुलिस थाने लेकर गईं. असम पुलिस की एक टीम उन्हें घर वापस लाने के लिए औपचारिकताएं पूरी करने के लिए वहां मौजूद थी.
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एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि रिहा किए गए ओएनजीसी कर्मचारी सैकिया चुस्त और तंदुरुस्त दिख रहे हैं. उन्हें असम के जोरहाट जिले में टीटाबार स्थित उनके घर छोड़ने से पहले उनकी चिकित्सा जांच की गई थी.